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हिमाचल के अस्पतालों में डॉक्टर्स सहित अन्य स्टाफ के 1450 पद खाली, HC ने पूछा-कब तक भरेंगे रिक्त पद - HC on Lack of staff in hospitals - HC ON LACK OF STAFF IN HOSPITALS

Staff vacant seats in hospitals: हिमाचल प्रदेश के अस्पतालों में खाली पड़े विभिन्न पदों को लेकर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने सरकार को इस बारे में सारी वस्तु स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. डिटेल में पढ़ें खबर...

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट शिमला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट शिमला (फाइल फोटो)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 2, 2024, 9:55 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में डॉक्टर्स सहित अन्य स्टाफ के खाली पड़े पदों को लेकर हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है. पदों को भरने में हो रही देरी पर अदालत ने नाराजगी जताई है.

अदालत ने राज्य सरकार से पूछा है कि खाली पड़े पदों को कब तक भरा जाएगा. यही नहीं, अदालत ने अस्पतालों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए की जा रही टालमटोल को भी सख्ती से लिया है साथ ही सरकार से पूछा है कि इस टालमटोल वाली नीति को स्पष्ट किया जाए.

मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ कर रही है. राज्य के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ सहित अन्य वर्ग के करीब 1450 पद खाली चल रहे हैं.

इस पर हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश वाली खंडपीठ ने स्वास्थ्य सचिव से पूछा कि इन खाली पड़े पदों को कब तक भर लिया जाएगा. वहीं, सरकार की ओर से अदालत में पेश की गई स्टेट्स रिपोर्ट में बताया गया कि विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 25 मेडिकल ऑफिसरों (एमओ) की तैनाती कर दी गई है.

वहीं, जिन 49 सरप्लस मेडिकल अफसरों की तैनाती पहले नहीं की जा सकी थी. उनमें से 33 चिकित्सकों को भी खाली पड़े पदों पर नियुक्त किया गया है. सरकार की तरफ से हाईकोर्ट को बताया गया कि 200 चिकित्सकों सहित स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े अन्य 1450 पदों को भरने का मसौदा भी तैयार किया जा रहा है.

कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन करने पर पाया कि इसमें उक्त खाली पड़े पदों को भरने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है. कोर्ट ने सरकार को 16 सितंबर तक इस बारे में सारी वस्तु स्थिति स्पष्ट करने के आदेश जारी किए हैं.

दो महीने से एक ही बात कह रही सरकार

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में स्वास्थ्य संस्थानों में खाली पड़े पदों को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही है. सरकार ने अदालत को ये भी बताया कि ऊपरी शिमला के रोहड़ू हॉस्पिटल में 33 स्टाफ नर्सिज के पदों में से 13 पद हिमाचल प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा तैयार किए गए वेटिंग पैनल से भरे जाने हैं.

वहीं, 20 पद बैच वाइज भर्ती से भरे जाने हैं. इस पर अदालत ने हैरानी जताई कि जो बात सरकार की ओर से अभी बताई जा रही है. वही बात 2 महीने पहले भी कोर्ट को बताई गई थी. उल्लेखनीय है कि रोहड़ू के सिविल अस्पताल में मामूली मरहम पट्टी के लिए भी मरीजों को भटकना पड़ता है.

इस बारे में मीडिया में आई खबरों पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर उसे जनहित याचिका का रूप दिया है. रोहड़ू अस्पताल में हर दिन 400 से 500 मरीजों की ओपीडी होती है. यहां मरीजों को मरहम पट्टी की जरूरत रहती है. अस्पताल में अभी नर्सिज के आधे से अधिक पद खाली चल रहे हैं. इसी तरह फार्मासिस्ट के नौ पदों में से अधिकतर पद खाली पड़े हैं. अब इस मामले पर आगामी सुनवाई 16 सितंबर को निर्धारित की गई है.

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