शिमला: हिमाचल में गर्मियों के सीजन के बाद लोगों को बारिश की ठंडी फुहारों के लिए मानसून का बेसब्री से इंतजार रहता है. ये इसलिए की मानसून सीजन में आसमान से धरती पर पड़ने वाली बूंदे अपने साथ हरियाली और ताजगी लाती है, लेकिन जब यही बूंदे एक साथ मिलकर भारी बारिश के रूप में बरसती हैं तो अपने साथ तबाही लाती है. हिमाचल में ऐसा ही कुछ 31 जुलाई को आधी रात को हुआ. उस वक्त जब लोग चैन की नींद अपने घरों में सो रहे थे तो अचानक से आसमान से आफत के बादलों ने एक साथ बरस कर तबाही ला दी. पांच जगह बादल फटने की घटनाओं से नालों में आई बाढ़ कई घरों को अपने साथ बहा कर ले गई, जिसमें 53 लोग भीषण बाढ़ की चपेट में आकर लापता हो गए. अब तक सर्च ऑपरेशन में 6 शव बरामद हुए हैं. अभी भी 47 लापता लोगों को उनके अपनों की आंखें मलबे और पत्थरों ढेरों में इस उम्मीद के साथ तलाश रही है कि शायद चमत्कार होकर कोई जिंदा निकल आए, लेकिन समय बीतने से साथ इसकी उम्मीद कम ही लग रही है.
37 दिनों में 77 लोगों की मौत
मानसून सीजन 1 जून से शुरू होकर 30 सितंबर तक चलता है. इस सीजन में अभी तक कुल 144 लोग अकाल मौत का ग्रास बने हैं. प्रदेश में 27 जून को मानसून ने दस्तक दी। ऐसे में मानसून आने के बाद 37 दिनों में 77 लोग भारी बारिश की वजह से आई बाढ़ और भूस्खलन से अपनी जान गवां चुके हैं. ये आंकड़ा अपने आप में बहुत दर्दनाक है. 31 जुलाई की रात को ही भारी बरिश से 60 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं. 35 घरों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है. 19 गौशालाएं ध्वस्त हो चुकी हैं. 10 दुकानों को भी नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा 4 स्कूलों के भवनों सहित एक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर व 3 फिश फार्म को नुकसान पहुंचा है. बादल फटने से आई बाढ़ की वजह से 16 गाड़ियां बह गई हैं. इसी तरह से 5 पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. ऐसे में अब तक सबसे अधिक नुकसान 31 जुलाई की आधी रात को बादल फटने की वजह से हुआ है. ऐसे में मानसून सीजन में अब तक 655 करोड़ का नुकसान हो चुका है.
लापता लोगों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी
हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर रामपुर के समेज, कुल्लू के तहत निरमंड और मंडी जिले के थलटूखोड़ बादल फटने की तीन बड़ी घटनाएं हुई हैं. जिसमें 53 लोग लापता हुए हैं. अब तक मंडी और कुल्लू जिले में 6 शव बरामद हुए हैं. समेज में अभी लापता लोगों की तलाश जारी है. अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व ओंकार शर्मा का कहना है कि सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है. उन्होंने कहा कि कुल्लू के बागीपुल में एसडीआरएफ, होमगार्ड, पुलिस और राजस्व विभाग की 38 सदस्यों की टीम रेस्क्यू में लगी है. समेज में एनडीआरएफ, पुलिस, आर्मी, होमगार्ड और राजस्व विभाग के 301 सदस्यों की टीम सर्च ऑपरेशन में लगी है. उन्होंने कहा कि मंडी जिले में भी विभिन्न विभागों के 70 सदस्यों की टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया है. इसके अलावा सतलुज नदी के किनारे झाकड़ी से कोलडैम के बीच स्थानीय लोगों के साथ 100 से अधिक लोग सर्च ऑपरेशन में लगे हैं.