नई दिल्ली : भारत के पूर्व कप्तान और दाएं हाथ के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली, जो दिल्ली में एक पंजाबी परिवार में पले-बढ़े हैं, हमेशा से ही खाने के प्रति अपने प्यार को साझा करते आए हैं, खासकर बटर चिकन जैसे व्यंजन. 2013 में अपनी फिटनेस पर अधिक ध्यान रखने के बाद भी उन्होंने ग्रिल्ड फिश जैसे मांसाहारी खाद्य पदार्थ खाना जारी रखा. लेकिन 2018 की घटना ने उन्हें अपने खाने के पैटर्न का पूरी तरह से बदलने पर मजबूर कर दिया.
विराट कोहली ने मांस खाना क्यों छोड़ा ?
2018 में, विराट कोहली को दक्षिण अफ्रीका में एक टेस्ट मैच के दौरान पीठ में बहुत दर्द हुआ. उनकी रीढ़ की हड्डी में सर्वाइकल डिस्क फैल गई थी, जिससे एक नस दब गई थी जिससे उनके दाहिने हाथ की छोटी उंगली में बहुत दर्द और झुनझुनी हो रही थी, जो एक बड़ी समस्या का संकेत था. कोहली ने खुलासा किया कि दर्द की वजह से वह ठीक से सो नहीं पाते थे, जिसके कारण उन्हें मेडिकल जांच करानी पड़ी.
जांच के नतीजे चौंकाने वाले थे. कोहली के शरीर में बहुत अधिक यूरिक एसिड बनने की वजह से कैल्शियम की कमी हो गई थी. वह असहज महसूस कर रहे थे क्योंकि उनके शरीर से कैल्शियम की कमी हो रही थी, जिससे हड्डियां कमजोर हो गई थीं. उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें अपनी डाइट में काफी बदलाव करने की जरूरत है, जिसमें मांसाहारी भोजन को पूरी तरह से छोड़ना भी शामिल था.
6 साल पहले बन गए थे शाकाहारी
केविन पीटरसन के साथ इंस्टाग्राम लाइव इंटरव्यू में कोहली ने कहा था कि उन्होंने 2018 की इंग्लैंड यात्रा से ठीक पहले शाकाहार अपना लिया था. उन्होंने मांस खाना छोड़ दिया क्योंकि उन्हें लगा कि इससे उनकी रिकवरी में तेजी आएगी और उनका सामान्य स्वास्थ्य बेहतर होगा. चूंकि इससे उनके प्रदर्शन और क्रिकेट मैचों के दौरान रिकवरी में काफी सुधार हुआ, इसलिए कोहली ने इसे अपने जीवन का अब तक का सबसे अच्छा विकल्प भी बताया.