पेरिस /झज्जर :भारतीय शूटर मनु भाकर ने पेरिस ओलिंपिक में भारत को पहला मेडल दिलाया. फिर उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ मिलकर भारत को शूटिंग में दूसरा ब्रॉन्ज मेडल दिला दिया. हालांकि वे गोल्ड से चूक गईं लेकिन उन्होंने एक साथ कई खिताब अपने नाम कर डाले. शूटिंग में मेडल जीतने वाली वे पहली भारतीय महिला बन गई हैं. इसके अलावा वे ओलंपिक में देश के लिए एक साथ दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी बन चुकी हैं. उनकी इस उपलब्धि से देश समेत हरियाणा में जश्न का माहौल है. मनु भाकर ने दो मेडल्स के साथ अपनी तस्वीर भी शेयर की है.
प्रधानमंत्री ने दी बधाई : मनु भाकर की कामयाबी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी है. पीएम मोदी ने लिखा कि बधाई हो मनु भाकर और सरबजोत सिंह को ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने के लिए. इन दोनों ने शानदार कौशल और टीम वर्क दिखाया है. भारत अविश्वसनीय रूप से प्रसन्न है. मनु के लिए, यह उनका लगातार दूसरा ओलंपिक पदक है, जो उनकी निरंतर उत्कृष्टता और समर्पण को दर्शाता है.
फोन पर आई पीएम की बधाई :पीएम मोदी ने पहले भी मनु भाकर को फोन पर मेडल जीतने के लिए ढेर सारी बधाई दी थी. पीएम मोदी ने इसे एक अविश्वसनीय उपलब्धि बताया था. वहीं पीएम मोदी की बधाई पर प्रतिक्रिया देते हुए मनु भाकर ने उन्हें धन्यवाद कहा था. आज पीएम मोदी ने सरबजोत सिंह को फोन कर मेडल की बधाई दी है.
हरियाणा सीएम ने दी बधाई :वहीं हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी ने मनु भाकर और सरबजोत सिंह को बधाई देते हुए कहा है कि दोनों ने देश के तिरंगे को ऊंचा किया है. सरकार खिलाड़ियों के उत्साहवर्धन के लिए हमेशा तैयार है. दोनों खिलाड़ियों ने हरियाणा के साथ-साथ पूरे देश का नाम रौशन किया है. भविष्य की स्पर्धाओं के लिए सभी खिलाड़ियों को बहुत शुभकामनाएं.
हरियाणा के झज्जर की रहने वाली हैं मनु भाकर :शूटर मनु भाकर की बात करें तो वे हरियाणा के झज्जर जिले के गोरिया गांव की रहने वाली हैं. मनु भाकर का जन्म 18 फरवरी 2002 को झज्जर में हुआ था. उनके पिता राम किशन भाकर मर्चेंट नेवी में हैं. मनु भाकर की शूटिंग में आने की कहानी भी काफी ज्यादा दिलचस्प है. अपने पापा के साथ शूटिंग रेंज में घूमने के दौरान एक दिन मनु अचानक शूटिंग करने लगी. उन्होंने बिलकुल सही टार्गेट पर निशाना लगाया जिसके बाद उनके पिता राम किशन भाकर ने उन्हें शूटिंग के लिए प्रोत्साहित किया. साथ ही उनके पिता ने एक बंदूक खरीदकर उनको प्रैक्टिस के लिए दे दी. इसके बाद मनु को नेशनल कोच यशपाल राणा ने शूटिंग के गुर सिखाए. शूटिंग से पहले मनु कराटे, स्केटिंग, स्वीमिंग और टेनिस में हाथ आजमा चुकी हैं. कराटे में भी मनु नेशनल मेडलिस्ट रह चुकी हैं. स्केटिंग में वे स्टेट मेडल जीत चुकी हैं. उन्होंने स्कूल में स्वीमिंग और टेनिस में भी पार्टिसिपेट किया था.
"मनु ने रचा इतिहास " :मेडल जीतने के बाद ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए मनु भाकर की मां सुमेधा भाकर ने बताया कि पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर वे बहुत ज्यादा खुश हैं. देश ने इतना ज्यादा प्यार दिया है जिसका ये नतीजा है. हालांकि गोल्ड मेडल आता तो और भी अच्छा होता, लेकिन ब्रॉन्ज मेडल लाकर भी उसने इतिहास रच दिया है और मुझे गर्व है, मैं बहुत ज्यादा खुश हूं, आज पूरा देश मनु भाकर पर गर्व महसूस कर रहा है. लगातार लोगों की बधाईयां मिल रही है. मेरी बेटी ने आज मेरा सपना पूरा कर दिया. ओलंपिक में मेडल लाकर हर मां-बाप का सपना होता है. मेरी बेटी ने ये कर दिखाया है.
शूटिंग छोड़ना चाहती थी मनु भाकर :सबसे दिलचस्प बात ये है कि एक वक्त ऐसा भी था जब मनु भाकर मायूस होकर शूटिंग छोड़ देना चाहती थी लेकिन उनके माता-पिता ने उन्हें मोटिवेट किया. मनु भाकर के पिता रामकिशन भाकर ने बताया कि टोक्यो ओलंपिक में कॉम्पिटिशन के दौरान मनु भाकर की पिस्टल का लीवर टूट गया था. मेडल जब सामने हो और जब किसी के साथ ऐसा हो जाए तो चाहे कोई भी हो वो टूट जाता है. साल 2022 में वो शूटिंग छोड़ देना चाहती थी. लेकिन हमने उसे शूटिंग ना छोड़ने को लेकर मोटिवेट किया. मनु की मां सुमेधा भाकर बताती हैं कि उनकी बेटी को बंदूक से इस कदर लगाव है कि वे पिस्टल को सिराहने रखकर सोती हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि मनु ने शूटिंग पर फोकस करने के लिए कई कुर्बानियां दी. वे 4 साल से किसी जश्न या बर्थ-डे पार्टी तक में नहीं गई, बस शूटिंग पर अपना फोकस रखा. वे पेरिस ओलंपिक के लिए रोजाना 8 घंटे से ज्यादा प्रैक्टिस करती थी. मनु भाकर ने एशियाड समेत अब तक करीब 20 मेडल जीते हैं.
मनु की कोच ने क्या कहा ?:निशानेबाज मनु भाकर के मेडल जीतने पर भारतीय शूटिंग दल की प्रमुख कोच सुमा शिरूर का कहना है, "हर भारतीय को बहुत गर्व है...मनु ने पदक जीता और पूरा दृष्टिकोण बदल गया। ये बहुत बड़ा है..."