सोनीपत: पेरिस पैरा ओलंपिक गेम्स में हरियाणा के खिलाड़ियों का दबदबा जारी है. सोनीपत के बैयापुर गांव निवासी धर्मबीर नैन ने क्लब थ्रो इवेंट में गोल्ड मेडल जीता है. धर्मबीर नैन ने अपने चौथे प्रयास में 34.92 मीटर थ्रो फेंककर गोल्ड मेडल अपने नाम किया. धर्मबीर नैन को बचपन से ही खेलने का शौक रहा है. तीन बहनों का इकलौता भाई होने के कारण परिवार ने घर से बाहर जाकर खेलने की अनुमति नहीं दी.
धर्मबीर से संघर्ष की कहानी: 6 जून 2012 को धर्मबीर दोस्तों के साथ नहर में नहाने के लिए गए. उन्होंने नहाने के लिए नहर में छलांग लगाई. लेकिन जलस्तर कम होने से धर्मबीर की गर्दन सीधा जमीन से जा टकराई. इस हादसे में उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई और आधे से ज्यादा शरीर ने काम करना बंद कर दिया. दिल्ली में इलाज के बाद उन्होंने 6 महीने गुरुग्राम में आत्मनिर्भर बनने का प्रशिक्षण लिया. खेल का जुनून धर्मबीर पर इस कदर सवार था कि उन्होंने क्लब थ्रो की प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया. आज हर कोई उनकी काबिलियत का लोहा मान रहा है.
परिजनों में जश्न का माहौल: साल 2018 के एशियन गेम्स में उनके कोच अमित ने स्वर्ण और धर्मबीर ने रजत पदक जीता था. अब धर्मवीर ने ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर अपने गुरु अमित का सपना पूरा किया है. धर्मबीर की मां प्रेम ने बताया कि ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के लिए धर्मबीर दिन रात मेहनत कर रहा था और अपने गुरु अमित सरोहा से लगातार अभ्यास की ट्रेनिंग ले रहा था. धर्मबीर की मां ने बताया कि वो गोल्ड मेडल लेकर आने की बात कह कर गया था. अब वो गोल्ड मेडल लेकर आ रहा है. घर आने पर उसका जोरदार स्वागत किया जाएगा.
घर लौटने पर होगा जोरदार स्वागत: धर्मवीर की पत्नी ज्योति ने कहा कि उन्हें बहुत ज्यादा खुशी है. धर्मबीर का ये गोल्ड मेडल उनके गुरु अमित को समर्पित है. धर्मवीर को खाने में मीठा पसंद है. घर आने पर जोरदार स्वागत किया जाएगा और उन्हें दूध के पेड़े खिलाए जाएंगे.