नई दिल्ली :उत्तराखंड क्रिकेट की बात करें तो आज उत्तराखंड की महिला क्रिकेट टीम ने उत्तराखंड में पुरुष क्रिकेट टीम से ज्यादा वर्चस्व हासिल किया है. हाल ही में उत्तराखंड की महिला क्रिकेट टीम ने नेशनल वन डे और टी20 दोनों टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई थी जो कि उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है.
इस उपलब्धि के श्रेय का एक बड़ा हिस्सा उत्तराखंड महिला क्रिकेट टीम की कप्तान और उत्तराखंड की पहली अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी एकता बिष्ट को भी जाता है. लेफ्ट आर्म स्पिनर और लेफ्ट ऑर्थोडॉक्स एकता बिष्ट ने उत्तराखंड क्रिकेट टीम की कप्तान रहते 2023- 24 में नेशनल टी20 स्टेट चैंपियनशिप में और वनडे स्टेट चैंपियनशिप के फाइनल में रनर अप बनाकर उत्तराखंड को क्रिकेट के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि दिलाई है.
एकता बिष्ट इंटरव्यू के दौरान (ETV Bharat) एकता की टीम नैनीताल UPL women के फाइनल में
उत्तराखंड में इन दिनों चल रहे हैं उत्तराखंड प्रीमियर लीग में वूमेंस लीग में तीन टीम उतारी गई है जिसमें से की नैनीताल एसजी पाइपर्स गुरुवार को है मुकाबले में मसूरी थंडर को हराकर फाइनल में पहुंच गई है तो वही नैनीताल की टीम का नेतृत्व कैप्टन के रूप में उत्तराखंड की सबसे पुरानी खिलाड़ी एकता बिष्ट कर रही है.
गुरुवार को मैच के बाद ईटीवी से खास बातचीत करते हुए एकता बिष्ट ने बताया कि उनकी टीम की सभी लड़कियां बेहद ऊर्जावान है और किसी भी तरह का दबाव अपने ऊपर नहीं लेती है. आने वाले फाइनल की रणनीति को लेकर के एकता बिष्ट का कहना है कि वैसे तो उनकी टीम के सभी मेंबर पहले से ही मोटिवेट है लेकिन फिर भी उनका प्रयास रहेगा कि वह अपने सभी टीम के मेंबर को यह एहसास दिलाया कि यह प्लेटफार्म एक बड़ा प्लेटफार्म है और ऐसा मौका हाथ से नहीं गवाना चाहिए.
उत्तराखंड आने वाली महिला क्रिकेट खिलाड़ियों का भविष्य सुनहरा
ईटीवी से खास बातचीत करते हुए उत्तराखंड की नेशनल वुमन क्रिकेट प्लेयर एकता बिष्ट ने बताया की उन्होंने जब 2011 में अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी तो उसे समय इस तरह का माहौल इस तरह का प्लेटफार्म बिल्कुल नहीं था जिस तरह से आज क्रिकेट को बढ़ावा मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि यह भी एक अपने आप में बड़ी उपलब्धि है कि उनकी टीम के लड़कियों को उत्तराखंड प्रीमियर लीग में सबसे पहले फाइनल में पहुंचने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि उन्होंने जब शुरू किया था तो उसे समय इस तरह का कोई प्लेटफार्म नहीं था. उन्होंने बताया कि उनको बहुत ज्यादा मेहनत के बाद इस तरह का प्लेटफार्म मिला लेकिन यह उत्तराखंड की महिला क्रिकेट खिलाड़ियों का सौभाग्य है कि उन्हें अपने राज्य में ही आज एक नेशनल स्टार का मैच खेलने का मौका मिल रहा है.
उन्होंने उत्तराखंड की सभी वूमेन क्रिकेट खिलाड़ियों से अपील की है कि वह आज जो प्लेटफार्म मिल रहा है उसका सही से इस्तेमाल करें और अपने हुनर को बेहतरीन तरीके से तराशें.
हमेशा मिला अपनो का साथ, सीखने और सिखाने की भावना
वर्ष 2011 में अपने ODI करियर का डेब्यू करने वाली एकता बिष्ट ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने कभी इस बात का एहसास नहीं किया कि उनका सफर संघर्ष भरा है. उन्होंने बताया कि वह जिस भी परिस्थिति में होती थी उसे इंजॉय करती थी आज भले ही उसे हम संघर्ष का सकते हैं.
मसलन ट्रेन में धक्के खाते हुए इधर से उधर जाना लेकिन उसे समय उन्हें यह संघर्ष बिल्कुल भी नहीं लगा वह इसको इंजॉय करती थी. उन्होंने कहा कि जब भी उन्हें मदद की जरूरत पड़ी तो कोई ना कोई उनकी मदद के लिए आगे आया तब चाहे वह क्रिकेट को शुरू करने की बात हो या फिर नेशनल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चयन होने के बाद वहां पर खेलते समय मिलने वाले सपोर्ट की हो.
बड़े सपने देखने वाली हर एक लड़की को एकता बिष्ट का संदेश
पहाड़ के बिल्कुल सुदूर पिथौरागढ़ जिले से निकालकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी छवि बनाने वाली भारतीय वुमन क्रिकेटर एकता बिष्ट बताती है कि, पहाड़ से निकालकर आना और इस तरह से अपने करियर को एक उसे फील्ड में बेहतर बनाना जिस फील्ड को लेकर के उनके आसपास के लोग सोचते भी नहीं थे यह चुनौती भरा तो था लेकिन, यदि हम अपने लक्ष्य के प्रति सजग हो तो यह चुनौती चुनौती जैसी नहीं रह जाती है. उन्होंने पहाड़ से सपना बुनकर आने वाली हर एक लड़की से कहा कि वह अपने जीवन में सुविधा न ढूंढे पहले कुछ खुद को साबित करें उसके बाद सुविधाएं खुद आपके पास चलकर आयेंगी.
पुरुष क्रिकेट की तुलना में महिला क्रिकेट को कम तवज्जो पर एकता का जवाब
उन्होंने कहा कि आज चीज बदल रही है. उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा कि बीसीसीआई ने कई मायनों में मैन और वूमेन क्रिकेट में चीजों को समान किया है. उन्होंने कहा कि इस समय ऐसा नहीं है कि सुविधाओं और अन्य अधिकारों के मामले में पुरुष क्रिकेटर को कुछ ज्यादा मिल रहे हैं और महिला क्रिकेटर को कुछ काम मिल रहा है.
रही बात पब्लिक के रिस्पांस की तो उन्होंने कहा कि जब लड़कियां अपना गेम खुद बेहतर बनाएंगे तो लोगों का रुझान भी लड़कियों की क्रिकेट की तरफ ज्यादा बढ़ेगा. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 2017 में महिला क्रिकेट टीम ने अच्छा किया उसके बाद से महिलाओं को तवज्जो दी जाने लगी इसी तरह से आगे भी अगर क्रिकेट में महिला खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करती है तो समाज और लोगों द्वारा मिलने वाली तवज्जो में भी अंतर आना स्वाभाविक है.
उत्तराखंड प्रीमियर लीग की शुरुआत में लड़कियों की प्राइज मनी और लड़कों की प्राइस मनी में अंतर पर लोगों द्वारा उठाए गए सवाल पर एक खिलाड़ी होने के नाते एकता का क्या कुछ कहना है यह भी हमने उनसे जाना तो उन्होंने कहा कि इसमें भी महिला खिलाड़ियों की ही महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने कहा कि लगातार गेम स्ट्रांग हो रहा है और आने वाले समय में लड़कों के मैच से ज्यादा लड़कियों के मैच में लोगों को इंटरेस्ट होगा वह इस बात को दावे के साथ कह सकती है,