मेरठ : भारत की पैरा खिलाड़ी प्रीति पाल ने पेरिस में आयोजित गेम्स में दो मैडल देश को दिलाने में सफलता पाई है. बीते दिन हुई प्रतियोगिता में फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए प्रीति ने 30.01 सेकेंड में दौड़ पूरी की और अपना दूसरा पदक जीता था, जिसके बाद से वह सुर्खियों में आ गई हैं. प्रीति पाल ने महिलाओं की टी 35 वर्ग की 100 मीटर स्पर्धा में 14.21 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय से कांस्य हासिल किया था. उसके बाद कल हुई प्रतियोगिता में उन्होंने दूसरा मेडल देश को दिलाया. प्रीति ने मई महीने में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था.
बचपन में ही प्रीति के पैरों में हुई थी समस्या
मूल रूप से प्रीति पाल मुजफरनगर जिले की रहने वाली हैं और वर्तमान में प्रीति पाल के दादा-दादी और चाचा-चाची मेरठ जिले के गांव कसेरू बक्सर में रहते हैं. ईटीवी भारत से प्रीति पाल के दादाजी ने बताया कि परिवार मुजफ्फरनगर में है. वह क्योंकि पी डब्लूडी विभाग में सेवारत हैं, इसलिए यहीं रहते हैं. उन्होंने बताया कि उनकी बच्ची ने बहुत संघर्ष किया है, जब प्रीति महज 6 दिन की थीं तभी उनकी दोनों टांगों पर प्लास्टर चढ़ गया था. क्योंकि बच्ची की टांगों में समस्या थी. लगभग 8 वर्ष की उम्र तक मासूम बच्ची के तौर पर प्रीति ने बहुत कुछ झेला है.
प्रीति को सही करने के लिए दादी ने किए ये प्रयास
प्रीति पाल के दादाजी ऋषिपाल सिंह वर्तमान में लोक निर्माण विभाग में मेरठ में कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि बचपन में ही यह पता चल गया था कि प्रीति को कई गंभीर समस्या हैं. प्रीति की दादी मां सरोजदेवी ने बताया कि क्योंकि वह गांव की रहने वाली हैं. गांव में जब भी ग्रहण पड़ता तो अपनी पोत्री को सुरक्षित रखने के लिए उसके प्रकोप से बचाने के लिए आधे शरीर को कभी मिट्टी में दबाते तो कभी किसी के द्वारा बताए जाने पर गोबर में दबाया करते थे. उन्होंने बताया कि आज वे बेहद खुश हैं कि उनकी पोती ने पूरे खानदान का देश का नाम रोशन कर दिया है. उसने दो मैडल जीतक़र उन्हें दोहरी खुशी दी है.
क्या करते हैं प्रीति के भाई-बहन
बता दें कि प्रीति का पैतृक गांव मुजफ्फरनगर जिले का हाशिमपुर है. प्रीति चार भाई बहन हैं. प्रीति से बड़ी एक बहन है, जबकि प्रीति के दो उससे छोटे भाई हैं. प्रीति ने BCA किया हुआ है. उसके बाद वह वर्तमान में मैंनेजमेंट की पढ़ाई एक प्राइवेट संस्थान से कर रही हैं. जबकि उनका छोटा भाई अनिकेत एम सी ए कर रहा है. सबसे छोटा भाई विवेक बीसीए कर रहा है. प्रीति दूसरे नंबर की हैं, प्रीति की बड़ी बहन नेहा हैं. हालांकि प्रीति एक किसान परिवार में जन्मी हैं, लेकिन उनके पिता अनिल पाल अब डेयरी चलाते हैं और दूध का खरीदने बेचने का काम करते हैं.