सिक्योरिटी गार्ड से गाबा का हीरो बनने तक, कुछ ऐसा रहा है 'शमर जोसेफ' का सफर
वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया पर गाबा में 8 रन से जीत हासिल की है. इस जीत ने न सिर्फ गाबा का घमंड तोड़ा है बल्कि शमर जोसेफ को क्रिकेट फैंस ने अपनी आंखो पर बिठा लिया है. इंजर्ड होने के बाद शमर जोसेफ का खेलना सिर्फ एक बात को सच साबित करती है. 'जब हौसला बना लिया ऊँची उड़ान का, फिर देखना फिजूल है कद आसमान का. पढ़ें पूरी खबर..
नई दिल्ली : 'मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है पंखो से कुछ नहीं होता हौंसलों से उड़ान होती है' यह बात वेस्टइंडीज के खतरनाक युवा गेंदबाज समर जोसेफ के ऊपर सटीक बैठती है. आज वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया पर गाबा में 8 रन से एतिहासिक जीत हासिल की है और इस जीत के सूत्रधार हैं युवा तेज गेंदबाज शमर जोसेफ. वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर पर 27 साल बाद हराया है. इस जीत के पीछे है शमर जोसेफ का हौंसला, जुनून और गाबा का घमंड तोडने की जिद्द. शमर जोसेफ का हौंसला उनका जुनून उनके चेहरे और इच्छा शक्ति से देखा जा सकता था जब उन्होंने कहा था कि कुछ भी हो जाए मैं खेलूंगा.
शमर जोसेफ ने मचाया कहर वेस्टइंडीज की जीत में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों पर कहर बरसाने वाले शमर जोसेफ की अहम भूमिका रही. उन्होंने दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के 7 बल्लेबाजों को चलता किया. जोसेफ को दूसरी पारी में 7 विकेट हॉल और और पूरे मैच में 8 विकेट के कारण प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया, साथ ही पूरी सीरीज में उनके 13 विकेट और 57 रन के कारण प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया है.
चोटिल होकर की गेंदबाजी उन्होंने न सिर्फ गेंदबाजी कर विकेट लिए बल्कि वह इंजर्ड होकर गेंदबाजी कर रहे थे उनके अंगूठे में चोट थी. जोसेफ वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में बल्लेबाजी करते हुए चोटिल हो गए थे. उनके पेर की उंगलियों पर मिचेल स्टार्क की खतरनाक योर्कर जाकर लगी थी. जिसके बाद अंगूठे में चोट लगने के कारण उनको मैदान से बाहर जाना पड़ा था. ऐसा माना जा रहा था कि वह दूसरी पारी में गेंदबाजी नहीं कर पाएंगे.
बोले कुछ भी हो जाए मैं गेंदबाजी करूंगा शमर जोसेफ ने मैच के बाद बताया कि मैंने अपने कप्तान को बता दिया था कि में आखिरी विकेट तक गेंदबाजी करूंगा चाहे मेरे अंगूठे को कुछ भी हो जाए. कप्तान क्रेग ब्रैथवेट ने भी बताया कि जोसेफ ने मुझे इंजर्ड होने के बाद कहा था कि कुछ भी हो जाए मैं गेंदबाजी करूंगा. उनकी इस इच्छा शक्ति, की वजह से ही वेस्टइंडीज टेस्ट जीतने में सफल हुआ.
टॉप ऑर्डर को किया ध्वस्त
मैच के चोथे दिन ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में जोसेफ गेंदबाजी के लिए उतरे और ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को एक के बाद एक चलता किया. जोसेफ ने ऑस्ट्रेलिया को टॉप ऑर्डर को टिकने नहीं दिया. जोसेफ ने ऑस्ट्रेलिया के उस्मान ख्वाजा को 10 रन के निजी स्कोर पर चलता किया. उसके बाद जोसेफ ने कैमरून ग्रीन को 42 रन के निजी स्कोर पर आउट किया. ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के बल्लेबाज ट्रेविस हेड को जोसेफ ने पहली ही गेंद पर पवेलियन का रास्ता दिखाया. इसके बाद वेस्टइंडीज पूरी तरह से मैच में वापसी कर चुका था.
डेब्यू में पहली गेंद पर विकेट और 5 विकेट हॉल
24 साल के समर जोसेफ ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में टेस्ट डेब्यू किया है. पहले मैच में उन्होंने पांच विकेट हॉल लिया था. जोसेफ ने अपने टेस्ट डेब्यू की पहली गेंद पर ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज स्टीव स्मिथ को आउट किया था ऐसा करने वाले वह 22वें खिलाड़ी बने थे. जोसेफ ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी की जमीन पर अपना पहला मैच खेला.
बेहद गरीबी में बीता बचपन
शमर जोसेफ का बचपन बेहद गरीबी में बीता है. शमर के 8 भाई बहन हैं उनके घर पर 8 भाई बहन को सही से खिलाने पिलाने की भी व्यवस्था नहीं थी. अपने परिवार और भाई बहन की जिंदगी आगे बढ़ाने के लिए जोसेफ ने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी की. आधा दिन उनका नौकरी में जाता था और आधे दिन वह प्रोफेशनल क्रिकेट सीखने के लिए समय देते थे. उसके बाद उनको प्रथम श्रेणी क्रिकेट के लिए टीम में जगह मिली.