एरानाकुलम (केरल) : केरल के एरानाकुलम जिले के पल्लिककारा के परट्टू घर में, पीआर श्रीजेश का परिवार अपने बेटे के लिए हॉकी टीम की जीत में हमेशा की तरह अहम भूमिका निभाने की प्रार्थना कर रहा है. लेकिन इस बार दांव ऊंचे हैं क्योंकि भारत पेरिस 2024 ओलंपिक में पुरुष हॉकी स्पर्धा के सेमीफाइनल में जर्मनी से भिड़ने के लिए तैयार है. उनके पिता, पीवी रवींद्रन, उनकी मां उषा, पत्नी अनिसिया, बेटी अनुश्री और बेटे श्रीयांश को पूरा भरोसा है कि उनके प्रिय देश का नाम रोशन करेंगे.
भारतीय फुटबॉल की 'दीवार' पीआर श्रीजेश
ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने बताया कि श्रीजेश के शानदार खेल के प्रति विश्वास उनके शरीर की भाषा से झलक रहा था. परिवार बेसब्री से सेमीफाइनल मुकाबले का इंतजार कर रहा है और प्रार्थना कर रहा है कि भारतीय गोलकीपर स्वर्ण पदक लेकर घर लौटे.
भारतीय गोलकीपर अब तक चार ओलंपिक में देश के लिए खेले हैं. पिछले ओलंपिक में भारत ने टोक्यो खेलों में जर्मनी को हराकर कांस्य पदक जीता था. 4 साल बाद देश को हॉकी टीम से एक और शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है जिसमें स्वर्ण पदक जीतना भी शामिल है.
किट खरीदने तक के नहीं थे पैसे: श्रीजेश के पिता
श्रीजेश के पिता रवींद्रन ने कहा, 'यह उनका चौथा ओलंपिक है. अब तक केवल 5 भारतीयों को चार ओलंपिक में प्रदर्शन करने का सौभाग्य मिला है. श्रीजेश उनमें से एक हैं. यह उनके लिए वास्तव में सम्मान की बात है. उन्होंने हॉकी से संन्यास की घोषणा पहले ही कर दी है, इसलिए हम चाहते हैं कि वह पदक के साथ संन्यास लें. जब तक श्रीजेश ने जीवी राजा स्पोर्ट्स स्कूल में दाखिला नहीं लिया और खेलना शुरू नहीं किया, तब तक हम हॉकी से अनभिज्ञ थे. मैं एक किसान हूं. एक किसान होने के नाते, मुझे उनके खेल के लिए किट और सभी आवश्यक सामान खरीदने के लिए संघर्ष करना पड़ा. इसकी लागत लगभग 10,000 रुपये थी, जो मेरे जैसे किसान के लिए बहुत बड़ी राशि थी. चूंकि वह इन ओलंपिक खेलों के बाद हॉकी से संन्यास ले लेंगे, इसलिए हम चाहते हैं कि वह स्वर्ण पदक के साथ संन्यास लें'.
रोजाना करती हूं जीत के लिए पूजा:श्रीजेश की मां
श्रीजेश की मां उषा ने ईटीवी भारत से कहा, 'मेरे पास पूरा मैच देखने की हिम्मत नहीं है. मैं हर दिन मंदिर जाती हूं और उसके लिए पूजा करती हूं. जब हमारे दोस्त मेरे बेटे के बारे में बात करते हैं, तो मुझे गर्व महसूस होता है. हम उसके और टीम इंडिया के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. हम तनाव में भी हैं. जब पूरी दुनिया हमारे लिए प्रार्थना कर रही है, तो हमें यकीन है कि वह जीतेगा. बहुत सारे मलयाली उसे और भारतीय टीम का समर्थन करने के लिए पेरिस गए थे और वे स्टेडियम के अंदर उनका उत्साहवर्धन करेंगे'.