निशांत देव की हार पर फूटा भारतीयों का गुस्सा, जजों पर उठाए सवाल - Paris Olympics 2024 - PARIS OLYMPICS 2024
boxer nishant dev controversy : पेरिस ओलंपिक 2024 में शनिवार को भारत के बॉक्सर निशांत देव के विरोधी को विजेता घोषित कर दिया गया. इसके बाद अभिनेता रणदीप हुड्डा और बॉक्सर विजेंद्र समेत भारत में लोग जजों और स्कोरिंग प्रणाली पर सवाल उठाने लगे. पढ़ें पूरी खबर...
नई दिल्ली :पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए मेडल की उम्मीद मुक्केबाज निशांत देव क्वार्टरफाइनल से बाहर हो गए. शनिवार रात मैक्सिको के मुक्केबाज के खिलाफ हार पर पूर्व मुक्केबाज विजेंदर सिंह और अभिनेता रणदीप हुड्डा ने मुकाबले में स्कोरिंग सिस्टम पर सवाल उठाए. जिसमें मैक्सिको के मार्को वर्डे का सामना करते हुए निशांत क्वार्टर फाइनल में 4-1 से हार गए.
इस मुकाबले में साफ-साफ देखा जा सकता था कि, निशांत पहले दो राउंड में अधिक प्रभावशाली दिखे. 23 वर्षीय निशांत ने पहले राउंड में जीत अपने पक्ष में कर ली. लेकिन अगले दो राउंड में जजों ने वर्डे को विजेता घोषित कर दिया. इसको देखकर एक बार निशांत भी हैरान रह गए क्योंकि, वह अपने प्रदर्शन से जीत की उम्मीद लगाए बैठे थे. जब उन्होंने जजों का परिणाम सुना तो वह हैरान थे. 2008 ओलंपिक कांस्य पदक विजेता विजेंद्र ने निशांत के बेहतरीन प्रदर्शन की प्रशंसा की और मैच की स्कोरिंग प्रणाली पर सवाल उठाए.
विजेंदर ने एक्स पर लिखा, 'मुझे नहीं पता कि स्कोरिंग सिस्टम क्या है, लेकिन मुझे लगता है कि यह बहुत करीबी मुकाबला था..उसने बहुत अच्छा खेला..कोई ना भाई निशांत देव
अभिनेता रणदीप हुड्डा का मानना है कि निशांत के बाहर होने के बाद उनसे ओलंपिक पदक छीन लिया गया और उन्होंने एक्स पर लिखा, 'निशांत ने जीत लिया था, यह स्कोरिंग क्या है? पदक छीन लिया लेकिन दिल जीत लिया. दुखद, अभी बहुत कुछ करना बाकी है.
पहले राउंड में बढ़त बनाने के बाद, अगले दो राउंड में पांच जजों ने वर्डे को विजयी माना. निशांत ने अपनी त्रीवता जारी रखी और सीधे मुक्के लगाए, जबकि दूसरे राउंड में वर्डे कवर करने में विफल रहे. वर्डे द्वारा निशांत पर दबाव बनाने के बाद मुकाबला पलटने लगा. दूसरा राउंड वर्डे के पक्ष में 3-2 से विभाजित निर्णय पर समाप्त हुआ. तीसरे राउंड में, वर्डे को सभी जजों ने पांच अंक दिए, जबकि निशांत को नौ अंक दिए गए. निशांत इक्वाडोर के जोस रोड्रिगेज के खिलाफ एक रोमांचक मुकाबले के बाद अंतिम आठ में पहुंचने में सफल रहे.
एक यूजर ने लिखा, यह लूट है, निशांत देव स्पष्ट विजेता थे. मुक्केबाजी में इतनी धांधली होती है कि कोई नहीं जानता कि जज किस तरह से स्कोर कर रहे हैं. कोई पारदर्शिता नहीं, बस अव्यवस्थित और पक्षपात और किस्मत पर आधारित. WWE मैच इस मसखरेपन से ज्यादा समझदारी भरे हैं जिसे वे अभी मुक्केबाजी कह रहे हैं.
एक अन्य यूजर ने लिखा, कल्पना कीजिए कि एक देश और उसके प्रशंसक हर पदक के लिए बेताब हैं और अपने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए देर रात तक जागते रहते हैं, और फिर एक मजाकिया फैसले के जरिए दिनदहाड़े उनसे पदक छीन लिया जाता है. निशांत देव आज बेहतर मुक्केबाज थे, लेकिन यह उनके मुकाबले में भी कम नहीं था. आयोजकों और रेफरी को शर्म आनी चाहिए. हर भारतीय को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, इतना शोर मचाना चाहिए कि यह पेरिस तक सुनाई दे.