तेजपुर : खेल एकजुट करते हैं, यह समुदायों और लोगों को उनकी पृष्ठभूमि, जाति या राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना जोड़ता है. हालांकि, मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा ने उन खेलों को भी विभाजित कर दिया है जो पहले सभी को एकजुट करते थे.
मणिपुर में मैतेई और कुकी के बीच चल रही झड़प ने फुटबॉल टीमों को जातीय आधार पर विभाजित कर दिया है. जबकि दोनों समुदायों के खिलाड़ी पहले एक ही टीम का हिस्सा थे. लेकिन, हिंसा ने उन्हें जातीय आधार पर विभाजित कर दिया है. तेजपुर के पोलो ग्राउंड में दोनों समुदायों के बीच मतभेद सामने आए, जहां राजेन बोरठाकुर मेमोरियल तेजपुर चैलेंज फुटबॉल प्रतियोगिता चल रही है.
एफसी इंफाल शहर के कप्तान मिलन कोइजाम ने कहा, 'पिछले साल मई में हिंसा शुरू हुई थी. तब तक हमारी टीम में कुकी खिलाड़ी थे. लेकिन हिंसा शुरू होने के बाद हमें उन्हें (कुकी खिलाड़ियों को) सुरक्षा के लिए उनके गांवों में भेजना पड़ा. अब स्थिति ऐसी नहीं है कि हम अपनी टीम में कुकी खिलाड़ियों को रख सकें'.
हालांकि, कोइजाम ने इस बात पर गर्व महसूस किया कि उनकी टीम के कुछ पूर्व खिलाड़ी, जो कुकी समुदाय से थे, अब इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में खेल रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मणिपुर में अब स्थिति बहुत खराब है. हम ठीक से अभ्यास भी नहीं कर सकते क्योंकि कर्फ्यू रोजमर्रा की बात हो गई है. हम अभ्यास के लिए तैयार हैं, लेकिन कर्फ्यू और मौजूदा स्थिति खेलों को प्रभावित कर रही है. हम कभी-कभी अभ्यास करते हैं जब हमारे गांव के रक्षा दलों को हमारी रक्षा करनी पड़ती है'.