नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही मौजूदा बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में अब भारत के नेट सेशन में फैंस को आने की अनुमति नहीं होगी. यह घटना तब हुई जब फ्रैंस ने प्रैक्टिस सेशन के दौरान टीम पर अभद्र टिप्पणी कर डालीं. गुरुवार को अभ्यास सत्र फैंस के लिए खुला था, जिस दौरान यह घटना हुई थी.
प्रैक्टिस सेशन में फैंस ने अफरा-तफरी मचाई ऑस्ट्रेलिया के अभ्यास के दौरान कुछ फैंस उनका उत्साहवर्धन कर रहे थे, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम का समर्थन करने के लिए हजारों फैंस उमड़ पड़े. चूंकि उन्हें अभ्यास सत्र को करीब से देखने का मौका मिला, इसलिए मैदान पर अफरा-तफरी मच गई.
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर पीटीआई को बताया, 'यहां पूरी तरह से अफरा-तफरी का माहौल था. ऑस्ट्रेलियाई प्रशिक्षण सत्र के दौरान 70 से अधिक लोग नहीं आए, लेकिन भारत के सत्र के दौरान 3000 लोग आए. किसी को भी इतने सारे फैंस के आने की उम्मीद नहीं थी'.
उन्होंने कहा, 'सिडनी में (पांचवें टेस्ट से पहले) एक और फैंस डे रखा गया था, जिसमें फैंस अभ्यास सत्र को देखने के लिए आ सकते थे. अब उसे रद्द कर दिया गया क्योंकि खिलाड़ी फैंस द्वारा की गईं अभद्र और असंवेदनशील टिप्पणियों से बहुत परेशान थे'. फैंस ने रोहित शर्मा और ऋषभ पंत से छक्के लगाने को कहा, साथ ही खिलाड़ियों की फिटनेस पर भी टिप्पणी की थी.
पीटीआई के अनुसार इन सभी घटनाओं को देखने वाले एक व्यक्ति ने कहा, विराट कोहली और शुभमन गिल पर इतने सारे लोगों की भीड़ हो सकती थी, सोचा नहीं था. कुछ लोग फेसबुक पर दोस्तों के साथ लाइव कर रहे थे और बल्लेबाज के अभ्यास के समय जोर-जोर से बात कर रहे थे. एक समर्थक लगातार एक खिलाड़ी से गुजराती में 'हाय' कहने का आग्रह कर रहा था. एक अन्य ने क्रिकेटर को बॉडी शेम किया.
यह पहली घटना नहीं है जब भारतीय खिलाड़ियों को फैंस के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा हो. 2021-22 बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान मोहम्मद सिराज को भी इसी तरह की घटना का सामना करना पड़ा था, जब उन्हें नस्लवादी गालियों का सामना करना पड़ा था. भारतीय टीम प्रबंधन ने मैच रेफरी डेविड बून के पास आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई थी. घटना के बाद पुलिस ने छह दर्शकों को स्टेडियम से बाहर निकाल दिया.