नई दिल्ली:भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा मैच खेला जा रहा है. गाबा में खेले जा रहे मैच के दूसरे दिन इंग्लैंड की पूर्व महिला क्रिकेटर और कमेंटेटर ईसा गुहा ने जसप्रीत बुमराह के लिए आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था, जिससे उनके फैंस काफी ज्यादा नाराज नजर आए थे. अब इस पूरे मामले पर ईसा ने माफी मांग ली है.
क्या है पूरा मामला दरअसल जसप्रीत बुमराह को नस्लीय दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा था. फॉक्स स्पोर्ट्स पर कमेंट्री कर रहे पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने बुमराह की गेंदबाजी की तारीफ की. जब ब्रेट ली ने कहा कि यॉर्कर मास्टर के आक्रमण से टीम के कप्तान खुश होंगे, तो उनके साथ कमेंट्री कर रही ईसा ने बुमराह के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी का इस्तेमाल किया.
उन्होंने भारतीय बॉलर को 'प्राइमेट' कह दिया. ईसा ने कहा, 'ठीक है, वह एमवीपी है, सबसे मूल्यवान प्राइमेट, जसप्रीत बुमराह. उनके इस बयान के बाद भारतीय क्रिकेट फैंस ने सोशल मीडिया पर महिला कमेंटेटर को जमकर ट्रोल किया. प्राइमेट एक तरह से जानवरों के वर्ग के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें लीमर्स, लोरिस, टार्सियर्स, बंदर आदि प्रकार के जानवर आते हैं. इसके बाद अब उन्होंने माफी मांग ली है.
ईसा गुहा ने फैंस से मांगी माफी गाबा में मैच के तीसरे दिन के खेल से पहले ईसा माफी मांगी. उन्होंने कहा, 'कल कमेंट्री में मैंने एक ऐसे शब्द का इस्तेमाल किया, जिसका कई अलग-अलग तरीकों से मतलब निकाला जा सकता है. सबसे पहले मैं किसी भी तरह की ठेस के लिए माफी मांगना चाहता हूं. जब दूसरों के प्रति सहानुभूति और सम्मान की बात आती है, तो मैंने खुद को बहुत ऊंचे मानक तय किए हैं और अगर आप पूरी ट्रांसक्रिप्ट सुनें, तो मेरा मतलब भारत के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक और ऐसे व्यक्ति की सबसे ज्यादा प्रशंसा करना था, जिसकी मैं भी बहुत प्रशंसा करती हूं'.
उन्होंने आगे कहा, 'मैं समानता की समर्थक हूं. मैं उनकी उपलब्धियों की विशालता को दर्शाने की कोशिश कर रही हूं और मैंने गलत शब्द चुना है और इसके लिए मुझे बहुत खेद है. मुझे उम्मीद है कि लोग यह समझेंगे कि वहां कोई और इरादा या दुर्भावना नहीं थी. मुझे उम्मीद है कि यह अब तक के शानदार टेस्ट मैच को फीका नहीं करेगा और मैं यह देखने के लिए उत्सुक हूं कि यह कैसे आगे बढ़ता है. एक बार फिर, मैं वास्तव में बहुत-बहुत माफी चाहती हूं'.
मंकीगेट विवाद याद आया भारतीय फैंस को 2008 में हुआ मंकीगेट विवाद याद आ गया. उस दिन भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह पर ऑस्ट्रेलियाई एंड्रयू साइमंड्स ने नस्लभेदी टिप्पणी की थी. उन्हें बंदर कहा था, जिसके लिए उनकी व्यापक आलोचना हुई थी.