नई दिल्ली :बाएं हाथ केपूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डेविड वार्नर से लाइफ टाइम लीडरशिप बैन को हटा लिया गया है. वार्नर पर यह बैन 2018 में बॉल टैंपरिंग में आरोपी पाए जाने के बाद लगा था. इस बैन की वजह से वार्नर कभी भी और किसी भी टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया और लीग मैचों में टीम की कप्तानी नहीं कर पा रहे थे. इस बैन को हटने के बाद उनकी कप्तानी का रास्ता साफ हो गया है.
अब 37 वर्षीय वार्नर ने तीन सदस्यीय पैनल के सामने अपना मामला प्रस्तुत किया, जिसने पाया कि प्रतिबंध हटाने के लिए वह सभी मानदंडों को पूरा करते हैं. पैनल ने वार्नर के सम्मानपूर्ण और पश्चातापपूर्ण लहजे और अपने कार्यों के लिए जिम्मेदारी स्वीकार करने पर ध्यान दिया.
वार्नर फिलहाल अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल रहे हैं. अब वह इस बैन के हटने के बाद अपनी बिग बैश लीग टीम सिडनी थंडर के नेतृत्व की भूमिकाएँ निभा सकते हैं. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख निक हॉकले ने कहा, 'मुझे खुशी है कि डेविड ने अपने प्रतिबंध की समीक्षा करने का विकल्प चुना है और वह इस गर्मी में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए पात्र होंगे.
क्या था पूरा विवाद दरअसल, साल 2018 में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम द. अफ्रीका के दौरे पर गई थी. वहां, कप्तान स्टीव स्मिथ और कैमरन बैनक्रॉफ्ट के साथ मिलकर वार्नर ने गेंद को पिन ले खुरचकर उसकी सतह को बदलने की कोशिश की थी. ताकि, गेंदबाजों को मैच में फायदा मिल सके. हालांकि, इसके बाद काफी विवाद भी देखा गया था.
वार्नर 2018 के सैंडपेपर-गेट मामले में एक केंद्रीय व्यक्ति थे, जिन्होंने तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ और कैमरन बैनक्रॉफ्ट के साथ मिलकर गेंद की सतह को अवैध रूप से बदलने की साजिश रची थी. उन्हें एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया और नेतृत्व की भूमिका से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया.