नई दिल्ली :आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 पाकिस्तान की मेजबानी में खेला जाएगा. पाकिस्तान में इसको लेकर काफी उत्साह तो है ही बल्कि तैयारियों ने भी जोर पकड़ा हुआ है. पाकिस्तान इसके लिए अपने यहां स्टेडियम के रिनोवेशन से लेकर मूलभूत आवश्यक्ताओं को पूरा करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है.
आईसीसी ने इस मेजबानी के लिए बजट को भी हरी झंड़ी दे दी है. इस टूर्नामेंट को सफल बनाने के लिए पाकिस्तान को लाइट और जनरेटर किराए पर लेने पड़ रहे हैं क्योंकि नए लगाने के लिए काफी खर्च आएगा और वह बजट से बाहर हो सकता है. हालांकि, भारत का पाकिस्तान जाना अभी कन्फर्म नहीं है क्योंकि भारत इस टूर्नामेंट को हाईब्रिड मोडल पर किसी दूसरी जगह ले जाना चाहता है.
पाकिस्तान को इस आयोजन की मेजबानी से काफी फायदा होने वाला है क्योंकि किसी भी आईसीसी इवेंट की मेजबानी वाले देश को इकोनमी में भारी फायदा देखने को मिला है. पाकिस्तान में जब 9 देशों की टीमें आएंगी तो जाहिर हैं वहां के फैंस अपनी टीम को सपोर्ट करने के लिए पाकिस्तान जाएंगे.
पर्यटकों से होगी जबरदस्त कमाई
एक्सपर्ट की मानें तो इस मेजबानी से पाकिस्तान में पर्यटकों की संख्या में काफी उछाल देखने को मिल सकता है. एक टीम के कईं मैच होंगे ऐसे में कोई भी फैंस अपने देश को छोड़कर सिर्फ एक मैच के लिए पाकिस्तान का सफर नहीं करेगा. उसके लिए प्रशंसक कईं दिन का प्लान करके आएंगे और उनको वहां रहना होगा.
पाकिस्तान में इस आयोजन से करीब 9 देशों के फैंस पाकिस्तान में जाएंगे और अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए वहां से हर प्रकार खरीदारी करेंगे जो कि पाकिस्तान की इकोनमी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभागा. इतना ही नहीं, पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा का भंडार भी बढ़ेगा. ऐसे में पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी से इकोनमी में काफी फायदा हो सकता है.
भारत के एक निर्णय से हो सकता है बड़ा नुकसान
भारत का चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान जाना अभी कन्फर्म नहीं है लेकिन, अगर भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं जाती है तो पाकिस्तान को हाईब्रिड मोडल पर मैच कराने पड़ सकते हैं ऐसे में भारतीय फैंस पाकिस्तान नहीं जा पाएंगे और उसको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. भारत और पाकिस्तान की सीमा लगी हुई है ऐसे में भारतीय फैंस को हजारों की तादाद में वहां पहुंचने की संभावना है.
लेकिन अगर पाकिस्तान में भारत ने अपने मैच न खेले और किसी दूसरे अन्य स्थल पर मैच खेले गए तो भारतीय फैंस पाकिस्तान न जाकर किसी दूसरे स्थल का दौरा करेंगे. इतना ही नहीं पाकिस्तान को हाईब्रिड मोडल के लिए अतिरिक्त बजट का उपयोग भी करना पड़ सकता है.