पटना:आज रविवार आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि है, जिसे गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. हिंदू धर्म में गुरु का एक विशेष स्थान है. गुरु के ज्ञान के बिना मनुष्य का जीवन अंधकार है. गुरु और शिष्य की चर्चा महाभारत रामायण काल में भी है. गुरु पूर्णिमा को लेकर आचार्य रामशंकर दूबे ने बताया कि शनिवार 20 जुलाई को शाम 6:20 से लेकर 21 जुलाई को 3:40 तक पूर्णिमा तिथि रहेगी.
सुबह उठकर करें ये काम: इस गुरु पूर्णिमा का बड़ा ही विशेष महत्व है. इस दिन भक्त सुबह उठकर, स्नान करके सूर्य को जल अर्पित करें. गुरु पूर्णिमा के दिन अन्न धन का विशेषता महत्व बताया गया है. अपने गुरु को प्रणाम कर आशीर्वाद प्राप्त करें और उनके बताए हुए मार्ग पर आगे बढ़े. उनको मिठाई खिलाए और हो सके तो अपने गुरु को दान दें.
क्या है गुरु की परिभाषा: गुरु पूर्णिमा के दिन घर में या मंदिर में पूजा पाठ करें. गरीबों को भोजन कारए, गौ माता को भी हरि घास खिलाएं और गरीबों के बीच वस्त्र दान करें. आचार्य रामशंकर दूबे ने बताया कि दो अक्षरों से मिलकर बने गुरु शब्द का अर्थ है, प्रथम गु का अर्थ है अंधकार जबकि दूसरे अक्षर रू का अर्थ है उसको हटाने वाला अर्थात अंधकार को हटाकर प्रकाश की ओर ले जाने वाले को गुरु कहा जाता है. गुरु वह है जो अज्ञान का निराकरण करता है अथवा गुरु हुआ है जो धर्म का मार्ग दिखाता है.