प्रयागराज:वर्तमान में चल रहे महाकुंभ मेला 2025 ने न केवल लाखों तीर्थयात्रियों को प्रयागराज की ओर आकर्षित किया है, बल्कि परिवर्तनकारी बुनियादी ढांचे के विकास की लहर भी शुरू की है.
चौड़ी सड़कों और आधुनिक परिवहन प्रणालियों से लेकर उन्नत स्वच्छता सुविधाओं और सुंदर सार्वजनिक स्थलों तक, शहर में उल्लेखनीय बदलाव आया है. निवासी जो कभी अपर्याप्त शहरी सुविधाओं से जूझते थे अब इन स्थायी सुधारों के लाभों का जश्न मनाते हैं. जिसने प्रयागराज को सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों द्वारा संचालित सतत शहरी विकास के लिए एक मॉडल में बदल दिया है.
शहर के निवासियों का कहना है कि पिछले कुंभ मेले और वर्तमान कुंभ मेले के बाद से बुनियादी ढांचे में कई बदलाव हुए हैं. सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी और शहर के लंबे समय से निवासी आरएस शुक्ला ने बुनियादी ढांचे के विकास का एक ऐसा ही उदाहरण देते हुए ईटीवी भारत को बताया, 'पहले, मेला स्थल तक जाने के लिए पुरानी सड़कों का इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन, इस बार इलाहाबाद पॉलिटेक्निक से एक नई सड़क का निर्माण किया गया है जो सीधे मेला स्थल तक जाती है.'
शुक्ला ने कहा कि सड़कों में सुधार हुआ है और नये फ्लाईओवर बने हैं. उन्होंने वालचंद चौराहा और मम्फोर्डगंज चौराहा का उदाहरण देते हुए कहा, 'सड़क किनारे से अतिक्रमण हटा दिया गया है और सड़कें चौड़ी कर दी गई हैं.' शुक्ला ने बताया कि सिविल लाइंस क्षेत्र में सड़क यातायात को सुचारू बनाने के लिए सभी ट्रैफिक क्रॉसिंग को गोल चक्कर में बदल दिया गया है.
यहां यह बताना जरूरी है कि दुनिया भर से आने वाले 400 मिलियन से अधिक तीर्थयात्रियों को समायोजित करने के लिए राज्य के शहरी विकास विभाग ने 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के विकास का काम शुरू किया है. इस फंडिंग में बुनियादी ढांचे, स्वच्छता और रसद पर ध्यान केंद्रित करने वाली 549 परियोजनाएं शामिल हैं. इसमें 4,000 हेक्टेयर के विशाल टेंट शहर का निर्माण भी शामिल है जो प्रभावी रूप से राज्य का एक अस्थायी 76वां जिला बना रहा है.
शहर के प्रमुख स्थानों तक जाने वाली सड़कों को चौड़ा किया गया है. उनकी मरम्मत की गई है. भीड़भाड़ कम करने के लिए पुल और फ्लाईओवर बनाए गए हैं. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पास कानपुर से आने वाले यातायात को सुगम बनाने के लिए एक नया फ्लाईओवर बनाया गया है. इसके अतिरिक्त मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने वाला 594 किलोमीटर लंबा, छह लेन (आठ तक विस्तार योग्य) ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन है जो शहर तक पहुंच को और सुविधाजनक बनाएगा.
शुक्ला ने बताया कि पहले शहर में केवल तीन रेलवे स्टेशन थे जिससे यातायात में अव्यवस्था होती थी. अब शहर में आठ रेलवे स्टेशन हैं. ये हैं- प्रयागराज जंक्शन, प्रयाग, प्रयाग घाट, प्रयागराज सिटी, सूबेदारगंज, नैनी, झूसी और छिवकी.
विकास योजना का मुख्य उद्देश्य निवासियों और विजिटर्स दोनों के लिए स्वच्छ जल और प्रभावी स्वच्छता तक पहुंच सुनिश्चित करना है. वाटर एटीएम और उन्नत शुद्धिकरण प्रणालियों की स्थापना से पूरे शहर में सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित होता है. 150,000 से अधिक आधुनिक अस्थायी शौचालय स्थापित किए गए हैं. इन्हें मोबाइल स्वच्छता इकाइयों और अपशिष्ट उपचार प्रणालियों द्वारा पूरित किया गया है.
शुक्ला कहते हैं, 'पहले इलाहाबाद (जैसा कि प्रयागराज को पहले जाना जाता था) में सीवेज ट्रीटमेंट की अवधारणा भी नहीं थी. मेरा घर 45 साल पुराना है लेकिन पिछले चार-पांच सालों में ही मेरे घर के पास सीवेज ट्रीटमेंट की सुविधा शुरू की गई है.' उन्होंने कहा कि अब तक शहर में 80 से 90 प्रतिशत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो चुके हैं. इससे गंगा में जाने वाले गंदे पानी पर रोक लगेगी, जिससे लोगों को दुर्गंध से जूझना पड़ता था.