Holika Dahan 2024।बाजारों में होली की रौनक दिखने लगी है. बाजार सज चुके हैं, तरह-तरह के रंग गुलाल और पिचकारी भी दिखने लगी है. लोग खरीददारी भी करने लगे हैं. होली के लिए अब बहुत ज्यादा दिन नहीं बचे हैं. ऐसे में होलिका दहन की तैयारी में भी लोग जुटे हुए हैं. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं, कि होलिका दहन में कुछ ऐसी बातें होती हैं, जिनका लोगों को ख्याल रखना चाहिए. कुछ गलतियां तो भूल कर भी नहीं करनी चाहिए, अगर ऐसा करते हैं तो जातकों को लाभ ही लाभ होगा.
होलिका दहन और शुभ मुहूर्त
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि होलिका दहन 24 मार्च को होना है. 24 मार्च को रात में 10:28 के बाद भद्रा खत्म होगा और उसी के बाद जो शुभ मुहूर्त है, उसमें होलिका दहन करना शुभ होगा.
होलिका दहन के समय करें ये काम
ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि जब होलिका दहन के लिए जाएं, जहां पर आपने होलिका तैयार किया है. वहां सभी घर के लोग आसपास और मोहल्ले के लोग दोस्त, सहपाठी एकत्रित हो जाएं. एक थाली में हल्दी, चावल, कुमकुम, लाई का फूटा लेकर जहां पर होली जलाते हैं, वहां पर पहुंचे. वहां पर होलिका दहन से पहले स्नान कराकर, जहां पर लकड़ी इकट्ठा है, वहां चंदन लगाएं, अबीर छोड़ें और हरा चना मिल जाए, जो पौधे के साथ हो तो उसे लेकर जाएं और उसे भी चढ़ाएं. इसके बाद राई नमक चोकरा को इकट्ठा करके इसे मिश्रत कर लें. उसे हाथ में लेकर जहां पर लकड़ी ईकट्ठा की है. वहां पर तीन बार घूमें और फिर अपने सिर से तीन बार घुमाएं. उसे जहां पर होलिका जलानी है, वहां पर छोड़ दें.
इसके बाद अग्नि प्रज्वलित करें. अग्नि जब जलने लग जाए तो उसमें जो हरा चना आप रखे हैं, उसे किसी डंडे में बांध करके उस चने को जलती होलिका में भूनें. फिर उस चने को भूनने के बाद वहां पर सभी को प्रसाद के रूप में उसे बांटे. उसे महाप्रसाद ही समझना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से उस घर में अनाज का भंडार कभी खत्म नहीं होता है. उस घर में अनाज का भंडार लग जाता है. फिर उसके बाद सभी को टीका लगाएं, गले मिलें. ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है. प्रेम व्यवहार बढ़ता है. साथ ही उस जलती होली की आग को तापना चाहिए. इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है, लाभ ही लाभ मिलता है.