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Govardhan Puja 2024: जानें कब है गोवर्धन पूजा, भगवान कृष्ण और इंद्रदेव का इस दिन से क्या है नाता

ब्रज को आपदा से बचाने के लिए प्रभु श्रीकृष्ण के योगदान को याद करने के लिए हर साल गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जाता है.

Govardhan Puja 2024
गोवर्धन पूजा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 30, 2024, 11:51 AM IST

हैदराबादः कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जाता है. गोवर्धन पूजा ज्यादातर दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है. पंचांग के समयानुसार कभी-कभी दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच एक दिन का भी अंतर होता है. इस साल भी दिवाली 1 नवंबर को है और गोवर्धन 2 नवंबर को है. 01 नवंबर 2024 (शुक्रवार) को शाम 6 बजकर 16 मिनट से प्रतिपदा तिथि प्रारंभ होता है. अगले दिन 02 नवंबर 2024 (शनिवार) को रात 8 बजकर 16 मिनट पर प्रतिपदा तिथि का समापन होगा. हिंदू धर्म में उदया तिथि को वरीयता (श्रेष्ठ) दी जाती है. प्रतिपदा का उदया तिथि 2 नवंबर को है. इस कारण इस गोवर्धन पूजन 2 नवंबर किया जायेगा.

गोवर्धन पूजन के लिए मुहूर्त

  • गोवर्धन पूजा मुहूर्त (प्रातः काल):- सुबह 6 बजकर 6 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक
  • गोवर्धन पूजा मुहूर्त (संध्याकालीन):- दोपहर 3 बजकर 2 मिनट से 5 बजकर 16 मिनट तक.

प्रतिपदा तिथि कब

  • प्रतिपदा तिथि प्रारंभः 01 नवंबर 2024 (शुक्रवार) को शाम 6 बजकर 16 मिनट से
  • प्रतिपदा तिथि समापनः 02 नवंबर 2024 (शनिवार) को रात 8 बजकर 16 मिनट तक
  • उदया तिथि के मान्यता के आधार इस साल 2 नवंबर 2024 को गोवर्धन पूजन किया जायेगा.

क्या है गोवर्धन पूजाःदिवाली के अगले दिन प्रभु श्रीकष्ण ने इंद्र भगवान को पराजित कर दिया था. इस दिन को प्रभु श्रीकष्ण को भोग लगाया जाता है और उनकी अराधना की जाती है. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी कारण से ब्रजवासियों पर भगवान इंद्र नाराज हो गये थे. क्रोधित होकर इंद्र ने भारी बारिस कर दी. ब्रज वासियों के संकट से बचाने के लिए करने के लिए प्रभु श्रीकृष्ण आगे आये. उन्होंने ब्रज को जलमग्न होने से बचाने के लिए अपनी छोटी उंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया. इसके बाद से इस तिथि ब्रज वासी प्रभु श्रीकृ्ष्ण का आभार जताने के लिए गोवर्धन पूजा करने लगे. धीरे-धीरे यह देश-दुनिया के अन्य भागों में फैल गया. इस अवसर पर प्रभु श्रीकृष्ण के लिए स्वादिष्ट भोजन पकाते हैं और उन्हें भोग लगाते हैं.

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