नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार शाम को उपराज्यपाल वीके सक्सेना को चिट्ठी लिखी है. उसमें दिल्ली में मंदिरों और बौद्ध धार्मिक स्थलों को नहीं तोड़ने की गुजारिश की है. मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने पत्र में लिखा है कि उन्हें जानकारी मिली है कि कुछ धार्मिक स्थलों को उपराज्यपाल ने तोड़ने के आदेश दिए हैं. आतिशी ने पत्र में लिखा है कि एलजी साहब के आदेश पर मंदिरों और बौद्ध धार्मिक स्थलों को तोड़ने के निर्देश से अलग तरह की परेशानी उत्पन्न हो जाएगी. दिल्ली में कोई भी मंदिर या धार्मिक स्थल न तोड़ा जाए.
मुख्यमंत्री आतिशी ने पत्र में लिखा है कि दिल्ली में बौद्ध धार्मिक स्थलों से दलितों की आस्था जुड़ी हैं. कोई भी धार्मिक स्थल तोड़ने से लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं. दिल्ली सरकार द्वारा गठित धार्मिक कमिटी ने बिना मुख्यमंत्री को दिखाए मंदिर तोड़ने की फाइल उपराज्यपाल को भेजी है. यह सरासर गलत है. हालांकि मुख्यमंत्री द्वारा लिखे गए पत्र पर उपराज्यपाल सचिवालय ने कहा, न तो कोई मंदिर, मस्जिद, चर्च या कोई अन्य पूजा स्थल तोड़ा जा रहा है, न ही इस आशय की कोई फाइल आई है.
LG का स्पष्टीकरण जारी: उपराज्यपाल सचिवालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री अपनी और अपने पूर्ववर्ती सीएम की विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए घटिया राजनीति कर रही हैं. एलजी ने पुलिस को उन ताकतों के खिलाफ अतिरिक्त निगरानी रखने के सख्त निर्देश जारी किए हैं, जो राजनीतिक लाभ के लिए जान बूझकर बर्बरता कर सकते हैं. उनके निर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है, जैसा कि हाल ही में क्रिसमस समारोह के दौरान देखा गया था, जिसमें कोई भी अप्रिय घटना नहीं देखी गई.
On the issue of the order for religious structure demolition by the religious committee monitored by LG Vinai Saxena.
— AAP (@AamAadmiParty) December 31, 2024
Delhi CM @AtishiAAP writes to LG Vinai Saxena requesting not to demolish religious structures. pic.twitter.com/fcoWXuhV3e
सौरभ भारद्वाज ने भी लगाया यह आरोप: उधर, दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक बयान और वीडियो जारी करते हुए कहा कि ग्रेटर कैलाश विधानसभा के चिराग दिल्ली में स्थित सतपुला पार्क में भव्य “ग्रेटर कैलाश सामाजिक रामलीला समिति” द्वारा हर साल भव्य रामलीला का आयोजन किया जाता है. उन्होंने बताया कि इस रामलीला में लगभग 140 फुट का भव्य मंच बनाया जाता है और यह रामलीला आसपास के क्षेत्र में और दक्षिण दिल्ली की सबसे बड़ी और भव्य रामलीला के रूप में जानी जाती है. डीडीए ने इस भव्य रामलीला के मंचन को रोकने के लिए सतपुला पार्क के बीचो-बीच एक दो फीट चौड़ी दीवार बना दी है, ताकि आने वाले वर्ष में इस पार्क में अब रामलीला का आयोजन न किया जा सके. सौरभ भारद्वाज ने बताया कि यह वही सतपुला पार्क है जिसमें कुछ महीनों पहले छठ पूजा का आयोजन करने से भी रोका था.
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