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नहाय-खाय आज, स्नान के लिए गंगा समेत नदियों किनारे व्रतियों का तांता

नहाय खाय के साथ आज से लोक आस्था का महापर्व छठ प्रारंभ हो गया है.

Chhath Puja 2024
छठ पूजा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 6 hours ago

हैदराबादः 4 दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ नहाय खाय के साथ आज (मंगलवार) से प्रारंभ हो रहा है. आज सुबह से ही गंगा घाट व अन्य नदियों के किनारे स्नान करने के लिए छठ व्रतियों का तांता लगा हुआ है.मान्यता है कि छठी मैया और सूर्यदेव की कृपा से निःसंतान को संतान हो जाती है. असाध्य रोगों से पीड़ित व्यक्ति स्वस्थ्य हो जाते हैं. घर परिवार में खुशियां आती हैं. नहाय खाय के दिन स्नान के बाद व्रती प्रसाद स्वरूप घर में या पूजन स्थल पर चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल (भात) पकाती हैं. पूजन के बाद व्रती स्वयं प्रसाद ग्रहण करेंगी. साथ ही घर-परिवार के सदस्यों के बीच व आसपास के लोगों को नहाय खाय के दिन का प्रसाद खिलाया जाता है. इसमें लहसुन-प्याज का उपयोग नहीं किया जाता है.

छठ (ETV Bharat)
लोक आस्था का महापर्व छठ 2024 का कैलेंडर
क्रम संख्यात्योहार का क्रमत्योहारतारीखदिन
1. पहला दिन नहाय खाय 5 नवंबर मंगलवार
2. दूसरा दिन लोहंडा/ खरना 6 नवंबर बुधवार
3. तीसरा दिन संध्याकालीन अर्घ्य 7 नवंबर गुरुवार
4. चौथा दिन प्रातःकालीन अर्घ्य 8 नवंबर शुक्रवार
नहाय-खाय आज (ETV Bharat)

मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी (जलावन) छठ में भोजन पकाया जाता है. बता दें कि छठ में स्वच्छता और शुद्धता का काफी ख्याल रखा जाता है. ग्रामीण और अर्द्ध शहरी इलाके में छठ पर्व के लिए व्रती कई माह पहले से तैयारी में जुट जाती हैं. पर्व में प्रसाद पकाने के लिए ज्यादातर जगहों (गांवों) में स्वयं मिट्टी का चूल्हा बनाती हैं. शहरी क्षेत्र में नये ईंट से भी तात्कालीक चूल्हा बनाया जाता है. विकल्प के तौर पर कई परिवार गैस स्टोव का भी उपयोग करते हैं.

छठ (ETV Bharat)

छठ में प्रसाद या पकवान तैयार करने के लिए परंपरागत बर्तनों व संसाधनों का उपयोग किया जाता है. ज्यादातर घरों में प्रसाद पकाने के लिए कांसा या पीतल के बर्तन का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा मिट्टी का बर्तन भी शुद्ध माना जाता है. वहीं छठ में प्रसाद तैयार के घर में मौजूद (चक्की) आदि को आज भी प्राथमिकता दी जाती है.

छठ (Getty Images)
छठ (Getty Images)

क्या है नहाय-खायः छठ महापर्व का पहला दिन नहाय खाय होता है. इस अवसर पर व्रती दिन में एक ही बार प्रसाद ग्रहण करती हैं. इसमें आम की लकड़ी के आग पर परंपरागत तरीके से खाना पकाया जाता है. इसमें चने की दाल, कद्दू और चावल (भात) पकाया जाता है. भोजन पकाने के लिए मिट्टी, कांसा या पीतल के बर्तन का उपयोग किया जाता है. दाल, भात और कद्दू की सब्जी व्रती और उनका परिवार ग्रहण करते हैं. साथ ही इस प्रसाद को ग्रहण करने के लिए दोस्तों और शुभ चिंतकों को आमंत्रित करते हैं.

छठ (ETV Bharat)

क्या है छठःपौराणिक काल से छठ मनाने की परंपरा है. इसमें छठी मैया और भगवान सूर्यदेव पूजे जाते हैं. माना जाता है कि छठी मैया, भगवान सूर्य की बहन हैं. छठ पर्व के दौरान उगते सूर्य और डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. यह त्योहार पहले तो बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल के सीमावर्ती इलाके में मनाया जाता था. लेकिन आज के समय में यह भारत ही नहीं दुनिया भर के विभिन्न देशों में लोग इसे मनाते हैं.

छठ (ETV Bharat)

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