फिर सामने आएंगे हजारों सालों से दफ्न मानव सभ्यता के राज, आखिर क्या छिपा है इन चित्रों में? - bhimbetika paintings
विश्व धरोहर स्थानों में शामिल भीमबेटका में पाई गई रॉक पेंटिंग की उम्र तकरीबन दस हजार साल मानी जाती है, यहां नए सिरे से मानव इतिहास की खोज की जा रही है.
देखना ये होगा कि भीमबेटका में हो रही नई रिसर्च मानव सभ्यता के कौन से राज खोलती है.रॉक पेंटिंग्स में वन्य प्राणियों के साथ जिराफ जैसी आकृति भी दिखाई दे रही है, जो भीमबेटका से मिलती हैं.इन रॉक पेंटिंग में उस दौर के मानव हाथों में अस्त्र शस्त्र लिए बारात जैसे फॉर्मेशन में नजर आते हैं.ये रॉक पेंटिंग्स चूरना में एक पहाड़ी पर दिखाई दीं थीं, जो प्रागैतिहासिक काल के मानव के जीवन की झलक देती हैं.पिछले साल सतपुड़ा के घने जंगलों में भी दस हजार साल पुरानी रॉक पेंटिंग्स मिली थीं.
एब्सोल्यूट डेटिंग (Absolute dating) के दौरान यह सावधानी रखी जाती है कि नमूनों पर प्रकाश न पड़े.13 पुरातत्वविदों (archaeologist) की टीम यहां एब्सोल्यूट डेटिंग कर रही है.भीमबेटिका में अध्ययन के लिए एक नई साइट को चुना गया है.भीमबेटका में शुरू हुई इस नई रिसर्च में तकरीबन 1 साल का वक्त लगेगा.टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यहां इंसानों की मौजूदगी कितने हजार साल पुरानी है.