नई दिल्ली:भारत 17 अगस्त को तीसरे वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन (VOGSS) की मेजबानी करेगा. यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास के बीच युद्ध जारी है, जिससे खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसी पहले से मौजूद वैश्विक चुनौतियां और बढ़ गई हैं. बता दें कि इससे पहले भारत 2023 में जी-20 की अध्यक्षता कर चुका है.
जानकारी के मुताबिक VOGSS शिखर सम्मेलन वर्चुअल फॉर्मेट में आयोजित किया जाएगा. VOGSS भारत द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य ग्लोबल साउथ के देशों को साझा चुनौतियों और प्राथमिकताओं पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाना है. यह दक्षिण-दक्षिण सहयोग के महत्व पर जोर देता है, जहां विकासशील देश सहयोग कर सकते हैं, संसाधनों को साझा कर सकते हैं और एक-दूसरे के विकास लक्ष्यों का समर्थन कर सकते हैं. यह वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच एकजुटता बनाने और वैश्विक उत्तर की पारंपरिक शक्तियों पर निर्भरता को कम करने का प्रयास करता है.
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, तीसरा VOGSS, जिसका व्यापक विषय 'एन इम्पावर्ड ग्लोबल साउथ फॉर ए सस्टेनेबल फ्यूचर' है, पिछले शिखर सम्मेलनों में विभिन्न जटिल चुनौतियों पर चर्चाओं को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा, जो विश्व को प्रभावित कर रहे हैं. इनमें संघर्ष, खाद्य, ऊर्जा सुरक्षा संकट, जलवायु परिवर्तन शामिल हैं, जो सभी विकासशील देशों को असमान और गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं.
वैश्विक दक्षिण की चुनौतियों पर चर्चा
बयान में कहा गया है, "शिखर सम्मेलन में ग्लोबल साउथ के देश वैश्विक दक्षिण के लिए चुनौतियों, प्राथमिकताओं और समाधानों पर विचार-विमर्श जारी रखेंगे, खासकर विकास के क्षेत्र में." यहां यह उल्लेखनीय है कि पिछले साल शिखर सम्मेलन में वैश्विक दक्षिण के 100 से अधिक देशों ने भाग लिया था.
विदेश मंत्रालय ने कहा, " पिछले साल भारत में शिखर सम्मेलनों में विकासशील देशों के नेताओं से प्राप्त इनपुट और फीडबैक पिछले वर्ष भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के एजेंडे और चर्चाओं में उचित रूप से परिलक्षित हुए, जिसमें जी-20 नई दिल्ली नेताओं का घोषणापत्र भी शामिल है."