नई दिल्ली: बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के कारण भारत की द्विपक्षीय परियोजनाएं ठप हो गई हैं. ऐसे में नई दिल्ली के चिंतित होने के एक से अधिक कारण होंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को यहां अपने नियमित मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि, बांग्लादेश में उथल-पुथल के कारण भारत की परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं. यह कहते हुए कि बांग्लादेश के साथ भारत की विकास सहयोग गतिविधियां उस देश के लोगों के कल्याण के उद्देश्य से हैं, जायसवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस के भाषण का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत हमेशा बांग्लादेश और उसकी विकास यात्रा का शुभचिंतक रहेगा.
बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल भारत के लिए चिंता
जायसवाल ने कहा, "वहां (बांग्लादेश) कानून-व्यवस्था की स्थिति के कारण कुछ परियोजनाओं पर काम रुका हुआ है. एक बार जब यह स्थिति स्थिर हो जाती है और सामान्य स्थिति बहाल हो जाती है, तो हम विकास पहलों के बारे में अंतरिम सरकार के साथ परामर्श करेंगे और इनको कैसे आगे बढ़ाया जाए और उनके साथ हमारी किस तरह की समझ हो सकती है, इस पर विचार करेंगे." उन्होंने आगे कहा कि उथल-पुथल के दौरान सुरक्षा "न केवल हमारे लिए बल्कि सभी के लिए" एक समस्या थी.
शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश
उन्होंने कहा, "आपने देखा कि भारतीय सांस्कृतिक केंद्र के साथ क्या हुआ." "बांग्लादेश के अधिकारियों ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की. हमारे कुछ लोग वापस भी आए. हमारे गैर-जरूरी कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को वापस लौटना पड़ा. उम्मीद है कि जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी और हम अपनी प्रतिबद्धताओं को सही तरीके से शुरू कर सकेंगे."
विकास सहायता का भागीदार
उन्होंने आगे कहा कि, बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा विकास सहायता भागीदार है. भारत ने पिछले आठ वर्षों में बांग्लादेश को सड़क, रेलवे, शिपिंग और बंदरगाहों सहित विभिन्न क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए लगभग 8 बिलियन डॉलर की तीन ऋण रेखाएं (LoC) दी हैं. LoC के अलावा, भारत सरकार बांग्लादेश को विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अनुदान सहायता भी प्रदान कर रही है, जिसमें अखौरा-अगरतला रेल लिंक का निर्माण, बांग्लादेश में अंतर्देशीय जलमार्गों की ड्रेजिंग और भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का निर्माण शामिल है.
विकास परियोजनाएं हुईं प्रभावित
उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजनाएं (HICDP) भारत की विकास सहायता का एक सक्रिय स्तंभ हैं. भारत सरकार ने बांग्लादेश में छात्र छात्रावासों, शैक्षणिक भवनों, कौशल विकास और प्रशिक्षण संस्थानों, सांस्कृतिक केंद्रों और अनाथालयों के निर्माण सहित 77 एचआईसीडीपी को वित्त पोषित किया है और 16 और एचआईसीडीपी को क्रियान्वित किया जा रहा है, जिसमें सभी 93 परियोजनाओं की लागत 50 मिलियन डॉलर से अधिक है.
सभी परियोजनाएं अब अनिश्चितता की स्थिति में
सत्ता से हटने से पहले, जब बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना इस साल जून में द्विपक्षीय यात्रा पर भारत आई थीं, तो समुद्री सहयोग और नीली अर्थव्यवस्था, रेलवे कनेक्टिविटी, डिजिटल साझेदारी और एक उपग्रह परियोजना सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे. हालांकि, 5 अगस्त को बड़े पैमाने पर राजनीतिक उथल-पुथल के बाद हसीना के पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद, ये सभी परियोजनाएं अब अनिश्चितता की स्थिति में हैं.