Avoidable Mistakes on Kharna Chhath Puja : चार दिनों तक चलने वाले छठ पूजा उत्सव की शुरुआत 5 नवंबर मंगलवार को नहाय-खाय से हुई. इस त्योहार के दौरान, व्रती अनुयायी 36 घंटे तक कठिन 'निर्जला' व्रत रखते हैं. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाने वाली छठ पूजा मुख्य रूप से महिलाएं करती हैं. यह व्रत सूर्य देव और उनकी बहन छठी मैया की पूजा के लिए होता है. आज छठ पूजा महापर्व का दूसरा दिन खरना है, जिसके अपने विशेष नियम हैं.
36 घंटे तक निर्जला उपवास :खरना के दिन व्रती साफ मन से अपने कुलदेवता, सूर्य देव और छठी मैया की पूजा के बाद उन्हें गुड़ से बनी खीर का प्रसाद, ठेकुआ (घी-आटे से बना) चढ़ाती हैं. आज के दिन शाम होने पर गन्ने का जूस या गुड़ के चावल या गुड़ की खीर का प्रसाद बनाकर लोगों को बांटा जाता है. ये प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है.
- खरना पूजा: प्रारंभ समय:शाम 5:29 बजे व समाप्ति समय: शाम 7:48 बजे
- अर्घ्य (तीसरा दिन):समाप्ति समय: शाम 5:29 बजे
- अर्घ्य (चौथा दिन):प्रारंभ समय: सुबह 6:32 बजे
जो लोग इस समय व्रत कर रहे हैं, उनके लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों को याद रखना बहुत जरूरी है. आइए जानें कि छठ पूजा के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
खरना पूजा के दौरान इन गलतियों से बचें
हाथ-पैर धोए बिना पूजा सामग्री को न छुएं : खरना पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली सभी चीजें, जैसे कि प्रसाद नामक विशेष भोजन, बहुत साफ और सुरक्षित होना चाहिए. यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे ऐसे ही रहें, आपको प्रसाद बनाने या पूजा की किसी भी वस्तु को छूने से पहले अपने हाथ और पैर अच्छी तरह से धोने होंगे.