नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 2014 में नरेला में अतिक्रमण हटाने गई टीम पर पथराव करने वाली भीड़ का नेतृत्व करने और लोकसेवक पर हमला करने के मामले में दिल्ली के बीजेपी के पूर्व विधायक नील दमन खत्री को दोषी करार दिया है. स्पेशल जज विशाल गोगने ने नील दमन खत्री को दोषी करार दिया है.
कोर्ट ने कहा कि गवाहों ने न केवल नील दमन खत्री की पहचान की बल्कि ये भी कहा कि उन्होंने उस भीड़ का नेतृत्व किया, जिसने अतिक्रमण हटाने गई टीम पर पथराव किया. इस मामले में नील दमन खत्री और जोगिंदर दहिया के अलावा चार और आरोपियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किया गया था. इन पर आरोप था कि उन्होंने सरकारी अधिकारियों के खिलाफ करीब ढाई सौ लोगों की भीड़ का नेतृत्व किया. सरकारी अमला 14 नवंबर 2014 को नरेला इलाके में अतिक्रमण हटाने गया हुआ था.
कोर्ट ने नील दमन खत्री और जोगिंदर दहिया को भारतीय दंड संहिता की धारा 143, 147, 149 और 353 के तहत दोषी करार दिया था. कोर्ट ने इस मामले के चार आरोपियों राज कुमार, सुरेंदर, प्रवीण और भीम सेन को बरी कर दिया. कोट ने कहा कि इस बात के कोई साक्ष्य नहीं मिले कि चारों आरोपी गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा थे या उन्होंने सरकारी अधिकारियों या पुलिसकर्मियों पर हमला किया या उन्हें किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाया. कोर्ट ने कहा कि 17 सरकारी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की टीम अपने कर्तव्य का निर्वहन करने पहुंचे थे. इस भीड़ का एकमात्र मकसद था कि वो सरकारी अधिकारियों को अतिक्रमण हटाने से रोके और उनकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों को हटाएं. भीड़ ने अधिकारियों पर पत्थर फेंके.
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