पेशाब करते वक्त क्या यूरिन झागदार नजर आता है, तो इसे नजरअंदाज ना करें. झागदार पेशाब कभी-कभी सामान्य होता है, लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार आना किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है. झाग कई बार किडनी में कोई समस्या होने के कारण भी निकल सकता है. हालांकि, यदि आप अक्सर पेशाब में झाग देखते हैं, तो आपको इसे गंभीरता से लेना चाहिए और अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. झागदार पेशाब क्रोनिक किडनी रोग (CKD) के लिए एक चेतावनी संकेत हो सकता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे नजरअंदाज न करने की सलाह देते हैं...
पेशाब के रंग पेशाब के रंग में बदलाव, पेशाब के दौरान जलन, पेशाब के दौरान झाग निकलना डिहाइड्रेशन या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का सबसे मुख्य कारण हो सकता है. यूरिन में पस होने के चलते भी पेशाब झागदार हो सकता है. वेजाइनल इंफेक्शन, ब्लैडर इंफेक्शन, कैलमाइडिया, किडनी स्टोन के कारण भी इस तरह की समस्या सामने आ सकती है. कई बार शुगर, दिल संबंधी रोगों और शरीर के सामान्य कार्यों को प्रभावित करते हैं, जिसके कारण भी झागदार पेशाब हो सकता है.
अगर आप या आपके आस-पास कोई भी ऐसी ही समस्या का सामना कर रहा है, तो सुझाव दें कि आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. यह आपके स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का संकेत हो सकता है. एक अध्ययन के अनुसार विस्तार से यह बात सामने आई है कि पेशाब में झाग आने के कई कारण होते हैं. जिसमें यह शामिल है...
झागदार मूत्र के कारण
कीडनी की समस्या: NCBI में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, यदि गुर्दे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, तो मूत्र में झाग दिखाई दे सकता है. दरअसल, किडनी की समस्याएं भी झागदार पेशाब का एक प्रमुख कारण हो सकती हैं.
डायबिटीज: हाई शुगर लेवल डायबिटीज के मरीजों के मूत्र में झाग का कारण बन सकती है. जब शरीर में ब्लड शुगर लेवल अधिक हो जाता है तो पेशाब में झाग बनने लगता है. मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) या प्रोस्टेट की समस्या के कारण भी पेशाब में झाग आ सकता है.
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) यूरिनरी सिस्टम में होने वाला एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है. ज्यादातर UTI ब्लैडर या यूरेथ्रा को प्रभावित करते हैं, जो मूत्राशय से मूत्र को शरीर से बाहर ले जाने वाली नली है. हालांकि, यह किडनी और मूत्रवाहिनी सहित यूनियरी सिस्टम के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है.
कौन-कौन सा जांच जरूरी
यूरिनलिसिस: यूरिन में प्रोटीन, ग्लूकोज और अन्य फैक्टर्स की जांच करना जरूरी है. यूरिनलिसिस यानी यूरिन एनालिसिस, मूत्र की जांच का एक तरीका है. यह मूत्र की उपस्थिति, कंसंट्रेशन, और सामग्री की जांच करता है. यूरिनलिसिस यूनिटी ट्रैक्ट इंफेक्शन, किडनी की बीमारी, डायबिटीज, और लिवर की समस्याओं जैसी कई बीमारियों का पता लगाने और उनको मैनेज करने में मदद करता है. यूरिनलिसिस, एक नियमित जांच के रूप में या किसी खास बीमारी के लिए किया जा सकता है. डॉक्टर, सर्जरी से पहले भी नियमित रूप से यूरिन टेस्ट कराने का सुझाव देते हैं.
ब्लड टेस्ट (किडनी फंक्शन टेस्ट): किडनी की कार्यप्रणाली की जांच के लिए यह परीक्षण करें.
माइक्रोएल्ब्यूमिन टेस्ट: मूत्र में प्रोटीन की मात्रा की जांच करता है.
अल्ट्रासाउंड (किडनी-प्रोस्टेट टेस्ट): किडनी और मूत्र पथ की स्थिति की जांच करने के लिए..
डॉक्टर से कब सलाह लें?
अगर पेशाब में बार-बार झाग आ रहा हो, पेशाब का रंग गहरा पीला, लाल या असामान्य हो, पेशाब करते समय जलन, दर्द या कोई असुविधा, सूजन हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.
(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुझाव केवल आपके समझने के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. इनका पालन करने से पहले अपने निजी डॉक्टर की सलाह लेना सबसे अच्छा है.)