नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) को शुक्रवार को तीन नई सौगात मिली है, जिनमें पश्चिमी और पूर्वी दिल्ली कैंपस और नजफगढ़ के रोशनपुरा में एक नए कॉलेज का निर्माण होना शामिल है. दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने डीयू के दो नए कैंपस और वीर सावरकर के नाम पर एक कॉलेज की आधारशिला रखी. इन तीनों प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय का ढांचा राजधानी दिल्ली के अंदर और मजबूत होगा. साथ ही पूरे देश से यहां पढ़ने आने वाले छात्र-छात्राओं के लिए दाखिले की संभावना और बढ़ेंगी.
अगर वर्ष 1922 में स्थापित दिल्ली यूनिवर्सिटी के मौजूदा ढांचे की बात करें तो अभी दिल्ली में डीयू के नॉर्थ और साउथ दो कैंपस स्थापित हैं. इसके अलावा, करीब 80 कॉलेज डीयू से संबंध हैं, जो दिल्ली में संचालित हैं. इनमें कुछ कॉलेज दिल्ली सरकार के और बाकी कॉलेज अन्य समिति और ट्रस्ट के हैं. अभी डीयू में 16 विभाग हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में स्थित कॉलेज में दाखिला लेना हर छात्र-छात्राओं का सपना होता है. लेकिन, इन कॉलेज में दाखिला लेने के लिए प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में छात्र-छात्राएं आवेदन करते हैं. इसलिए सीमित सीटों और अधिक डिमांड के कारण हर छात्र को नॉर्थ कैंपस के कॉलेज में दाखिला नहीं मिल पाता है.
वहीं, छात्र-छात्राओं की दूसरी प्राथमिकता साउथ कैंपस के कॉलेज में दाखिला लेने की होती है. साउथ कैंपस के कॉलेज में भी दाखिला लेने की भारी मांग होती है. इसलिए सीमित सीटों की संख्या के आधार पर ही दाखिले हो पाते हैं. जब इन दोनों कैंपस के कॉलेज में सीटें भर जाती हैं, तब छात्र-छात्राएं कैंपस से बाहर के कॉलेज की ओर दाखिले का रुख करते हैं. सूरजमल विहार में जहां पर डीयू का पूर्वी कैंपस बनने जा रहा है वहां उसके बगल में ही पहले से आईपी यूनिवर्सिटी का पूर्वी कैंपस स्थित है. इसके अलावा यहां पर डीटीयू का भी पूर्वी कैंपस स्थित है. इसके साथ यहां से कुछ ही दूरी पर गीता कॉलोनी में नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी का भी कैंपस है. इस तरह से पूर्व दिल्ली में डीयू पूर्वी कैंपस बनने के बाद पूर्वी दिल्ली का इलाका भी एजुकेशन हब के रूप में विकसित हो जाएगा.
अभी दिल्ली विश्वविद्यालय में हैं इतनी सीटें: दिल्ली विश्वविद्यालय में अगर स्नातक की मौजूदा सीटों की संख्या की बात करें तो करीब 72000 सीटों पर दाखिले होते हैं. इनमें स्वीकृत सीटों की संख्या 70000 है. बाकी सुपरन्यूमेरी सीटों का कोटा बढ़ा करके संख्या 72000 तक पहुंच जाती है. वहीं, अगर परास्नातक (पीजी) की सीटों की बात करें तो इसकी संख्या करीब 13000 है. इतनी सीटों पर दाखिले के लिए देशभर से लाखों छात्र छात्राएं आवेदन करते हैं. इस साल भी सीयूईटी यूजी के माध्यम से दाखिला लेने के लिए चार लाख से अधिक छात्र-छात्राओं ने डीयू का विकल्प चुना था.
पूर्वी दिल्ली में स्थित है डीयू के अभी छह कॉलेज: अगर पूर्वी दिल्ली में दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों की बात करें तो यहां छह कॉलेज स्थित हैं. इनमें महाराजा अग्रसेन कॉलेज दुल्लापुर, शहीद राजगुरु कॉलेज ऑफ़ एप्लाइड साइंसेज फॉर वीमेन, वसुंधरा एन्क्लेव, डॉ भीमराव अंबेडकर कॉलेज वजीराबाद, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज सुभाष मोहल्ला, विवेकानंद महिला कॉलेज विवेक विहार और श्यामलाल कॉलेज शाहदरा में स्थित है. यह सभी कॉलेज नॉर्थ और साउथ कैंपस से बाहर की कॉलेज हैं. इन्हें नॉन कैंपस कॉलेज कहा जाता है. पूर्वी कैंपस बनने के बाद इन कॉलेजों को भी पूर्वी कैंपस के कॉलेज का दर्जा हासिल हो सकता है. पूर्वी कैंपस बनने के बाद यह कैंपस लॉ सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा, यहां पर लॉ कोर्स प्रमुखता संचालित किए जाएंगे.
पूर्वी परिसर में होंगी ये सुविधाएं:
- सूरजमल विहार में 15.25 एकड़ में बनेगा पूर्वी परिसर
- 373 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से अकादमिक ब्लॉक का निर्माण होगा.
- परिसर में एलएलबी, एलएलएम और पंचवर्षीय इंटीग्रेटेड एलएलबी प्रोग्राम के साथ अन्य बहुविषयक प्रोग्राम भी होंगे संचालित.
- इस प्रोजेक्ट के 59618 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र में 60 क्लासरूम, 10 ट्यूटोरियल रूम और 06 मूट कोर्ट बनेंगे.
- 4 कंप्यूटर लैब, 02 कैफेटेरिया और 02 कॉमन रूम सहित अनेकों अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
पश्चिमी परिसर में होंगी ये सुविधाएं:
- द्वारका सैक्टर-22 में बनने वाले पश्चिमी परिसर के पहले चरण में 107 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से नए अकादमिक भवन का निर्माण होगा.
- इस प्रोजेक्ट के 19434.28 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र में 42 क्लास रूम, 02 मूट कोर्ट और डिजिटल लाइब्रेरी होगी.
- कॉन्फ्रेंस रूम, फैकल्टी रूम, कैफेटेरिया, लड़कों एवं लड़कियों के लिए कॉमन रूम और सेमिनार हाल सहित अनेकों अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
वीर सावरकर कॉलेज में होंगी ये सुविधाएं:
- रोशनपुरा नजफ़गढ़ में यूईआर हाईवे के एकदम नजदीक वीर सावरकर के नाम पर एक कॉलेज का निर्माण किया जाएगा.
- लगभग 140 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 18816.56 वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्माण किया जाएगा.
- इस प्रोजेक्ट में अकादमिक गतिविधियों के लिए 24 क्लास रूम, 08 ट्यूटोरियल रूम, एक कैंटीन और 40 फ़ैकल्टि रूम होंगे.
- डिपार्टमेंट लाइब्रेरी और और कॉन्फ्रेंस रूम जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी.
वीर सावरकर कॉलेज बनने से कॉलेजों की संख्या हो जाएगी 81: नजफगढ़ के रोशनपुरा में एक नया कॉलेज बनने से डीयू के कॉलेजों की संख्या बढ़कर 81 हो जाएगी. वीर सावरकर के नाम पर कॉलेज बनाने का निर्णय करीब 3 साल पहले डीयू की कार्यकारी परिषद के द्वारा लिया गया था. उस समय दो कॉलेज बनाने का निर्णय लिया गया था. इनमें एक कॉलेज सुषमा स्वराज के नाम पर और एक वीर सावरकर के नाम पर कॉलेज बनाया जाना था. अब वीर सावरकर के नाम पर कॉलेज का आज शिलान्यास हो गया है. अब सुषमा स्वराज के नाम पर कॉलेज बनना बाकी है.
डीयू वीसी ने इन नामों में से फाइनल किया था वीर सावरकर का नाम: बता दें कि डीयू के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को अगस्त 2021 में आयोजित डीयू की कार्यकारी परिषद की बैठक में दो कॉलेजों को खोलने का प्रस्ताव पास होने के बाद इनके नाम तय करने के लिए अधिकृत किया गया था. बैठक में नए बनने वाले कॉलेजों और केंद्रों के नाम पूर्व गृह मंत्री सरदार पटेल, पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज, आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद और विनायक दामोदर सावरकर पर रखने का सुझाव दिया गया था. साथ ही काउंसिल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, समाज सुधारक सावित्री बाई फुले, पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली, दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश के नाम को भी सुझाव में रखा था. इस पर अंतिम फैसला लेने का अधिकार कुलपति को दिया गया था. कुलपति ने तय किया है कि अब जो नए कॉलेज बनेंगे उनका नाम सावरकर और सुषमा स्वराज के नाम पर रखा जाएगा.
ये भी पढ़ें: