नई दिल्ली : यूरोप में दक्षिणपंथ का उभार एक ऐसा विषय है जो पिछले कुछ वर्षों में बोद्धिक, अकादमिक और राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र रहा है. हालांकि 2024 में यूरोप के कई देशों के चुनाव नतीजे यह बताते हैं कि दक्षिणपंथी विचारधारा महाद्वीप में पैर पसार रही है.
यूरोपीय संसदीय चुनाव : दक्षिणपंथी लोकलुभावन पार्टियों में से ज्यादातर ने उग्र एंटी-इमिग्रेशन कैंपन चलाया जिसका उन्हें फायदा भी हुआ. इस वर्ष के यूरोपीय संसदीय चुनावों में उन्होंने बढ़त हासिल की.
फ्रांस : इस साल के संसदीय चुनावों में मरीन ले पेन की दक्षिणपंथी नेशनल रैली को सत्ता से बाहर रखने के लिए वामपंथी और मध्यमार्गी दलों ने हाथ मिला लिया. हलांकि ले पेन की पार्टी ने फिर भी नेशनल असेंबली में अपनी सीटों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की. दिसंबर की शुरुआत में, नेशनल रैली ने वामपंथी दलों के साथ मिलकर रूढ़िवादी मिशेल बार्नियर की सरकार को सिर्फ़ तीन महीने में ही गिरा दिया.
ऑस्ट्रिया : सितंबर में हुए चुनावों में दक्षिणपंथी फ्रीडम पार्टी को 29 फीसदी वोट मिले - जो किसी भी अन्य पार्टी की तुलना में अधिक थे. यह पार्टी का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन था. दूसरे विश्व युद्ध के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब देश के किसी विधायी चुनाव में किसी दक्षिणपंथी पार्टी ने सबसे अधिक सीटें जीतीं.
रोमानिया : 1 दिसंबर को हुए संसदीय चुनावों में तीन अति-दक्षिणपंथी पार्टियों ने शानदार प्रदर्शन किया. साथ ही, देश के राष्ट्रपति चुनावों के पहले दौर में दक्षिणपंथी उम्मीदवार कैलिन जॉर्जेसकु को सबसे ज्यादा वोट मिले. हालांकि, 6 दिसंबर को रोमानिया के संवैधानिक न्यायालय ने चुनाव में कथित रूसी हस्तक्षेप के सबूत सामने आने के बाद पहले दौर के नतीजों को रद्द कर दिया.
पुर्तगाल : मार्च में हुए चुनावों में चेगा की कामयाबी के बाद पुर्तगाल भी उन यूरोपीय देशों की सूची में शामिल हो गया, जहां दक्षिणपंथी दल काफी अहम हैं. पार्टी ने 230 संसदीय सीटों में से 50 सीटें जीती हैं, जबकि 2022 में उसे सिर्फ 12 सीटें मिली थीं और 2019 में सिर्फ एक सीट.
यूनाइटेड किंगडम: आम चुनाव में दक्षिणपंथी रिफॉर्म यूके ने 14% वोट के साथ तीसरा सबसे बड़ा वोट शेयर जीता. इसके नेता, निगेल फरेज ने आखिरकार अपने आठवें प्रयास में संसद में एक सीट जीती.