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471 दिनों बाद मां से गले लगकर इजराइली युवतियों की आंखे हुईं नम - ISRAELIS RELEASED

हमास द्वारा रिहाई के बाद इजराइली युवतियों की मां से मिलने का क्षण बेहद भावुक कर देने वाला था.

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हमास द्वारा रिहाई के बाद रोमी गोनेन (दाएं) मां मेराव से मिली (AP)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 20, 2025, 10:51 AM IST

जेरूसलम: इजराइल और फिलिस्तीनी के बीच संघर्ष विराम के तहत हमास द्वारा बंधक बनाए गए तीन युवतियों को 471 दिनों की कैद के बाद रविवार को रिहा कर दिया गया. इन्हें अपनी मां से मिलवाया गया, जहां तीनों युवतियां मां से गले लग कर खुश नजर आई. हालांकि वे भावुक भी दिखीं.

जिन युवतियों को रिहा किया गया उनमें ब्रिटिश-इजराइली एमिली डमारी, रोमी गोनेन और पशु चिकित्सा नर्स डोरोन स्टीनब्रेचर शामिल हैं. रोमी गोनेन को 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजराइल में नोवा संगीत समारोह से अगवा किया गया था. एमिली डमारी को किबुत्ज कफर अजा के अपार्टमेंट से अगवा किया गया था. वहीं, डोरोन स्टीनब्रेचर को भी किबुत्ज कफर अजा के अपार्टमेंट से अपहरण किया गया था.

हमास द्वारा रिहाई के बाद एमिली डमारी (दाहिने) अपनी मां मैंडी से गले मिलती हुई (AP)

ब्रिटिश-इजराइली एमिली डमारी के परिवार के सदस्यों की ओर से बताया गया कि लड़ाकों की गोली लगने से एमिली ने अपने हाथ की दो उंगलियों को गंवा दिया. इसी के साथ स्टीनब्रेचर भी अपनी मां से मिली. आईडीएफ के अनुसार रिहा की गई तीनों युवतियों को अपनी मां से मिलवाया गया. इसके बाद उन्हें वायुसेना के हेलिकॉप्टर से अस्पताल पहुंचाया गया.

इजराइल और फिलिस्तीनी लड़ाकों के बीच संघर्ष विराम के तहत अगले कुछ हफ्तों में दर्जनों बंधकों की क्रमिक रिहाई पर सहमति बनी है. युद्धविराम और बंधकों की रिहाई ने इजराइलियों में उम्मीद और घबराहट दोनों जगाई. कई लोगों को डर है कि तीन चरणों वाला समझौता सभी बंधकों के लौटने से पहले ही टूट सकता है, या वे खराब स्वास्थ्य में पहुंचेंगे.

हमास द्वारा रिहाई के बाद डोरोन स्टीनब्रेचर (बाएं) मां सिमोना से गले मिलती हुई (AP)

दूसरों को चिंता है कि मरने वाले बंदियों की संख्या अनुमान से कहीं अधिक है. 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के दौरान करीब 250 लोगों का अपहरण कर लिया गया था, जिसके बाद 15 महीने तक युद्ध चला. युद्ध के दौरान कई बंधकों के शव सामने आए. वहीं, कुछ को रिहा कराया गया. उसके भी गाजा में करीब 100 बंधक बताए गए.

रविवार के युद्ध विराम से कुछ घंटे पहले इजरायल ने घोषणा की कि उसने ओरोन शॉल का शव बरामद कर लिया है. वह 2014 के इजरायल-हमास युद्ध में मारा गया था और जिसके अवशेष तब से लड़ाकों के कब्जे में था.

रोमी गोनेन बोलीं- 'मां मुझे गोली लगी है'
रोमी गोनेन को 7 अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजराइल में नोवा संगीत समारोह से अगवा कर लिया गया था. उस सुबह गोनेन की मां मेराव और उनकी सबसे बड़ी बेटी ने लगभग पांच घंटे गोनेन से बात की. हमास के लड़ाकों ने उत्सव के मैदान में उत्पात मचाया था.

गोनेन ने अपने परिवार को बताया कि सड़कों पर खाली पड़ी कारों से भागना असंभव है और वह कुछ झाड़ियों में शरण लेगी. फिर उसने कुछ शब्द कहे जो उसकी मां के सिर में हर दिन गूंजते रहते हैं. मां मुझे गोली लगी, कार को गोली लगी, सभी को गोली लगी. मैं घायल हूं और खून बह रहा है.

मां, मुझे लगता है कि मैं अब मर जाउंगी. रोमी ने अपहरण के कुछ सप्ताह बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'क्या करना है, यह न समझ पाने पर, मेराव गोनेन ने अपनी बेटी को समझाने की कोशिश की कि वह मरने वाली नहीं है, उसे सांस लेना शुरू करना चाहिए और अपने घायल दोस्तों का इलाज करना चाहिए. मेराव के अनुसार कॉल के दौरान रोमी का आखिरी शब्द 'मम्मी!' की चीख थी क्योंकि गोलियों की आवाज और पुरुषों की चीखें सब कुछ दबा देती थीं.

फिर फोन बंद हो गया. इजरायली अधिकारियों ने गाजा में उसके फोन की लोकेशन की पहचान की. पिछले 15 महीनों में मेराव गोनेन बंधकों की वापसी की वकालत करने वाली सबसे मुखर आवाजों में से एक रही हैं, वे लगभग रोज इजरायली समाचार कार्यक्रमों में दिखाई देती रही. मिशनों पर विदेश यात्रा करती हैं. हमास के हमले की छह महीने बाद उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस से कहा, 'हम वह सब कुछ कर रहे हैं जो हम कर सकते हैं ताकि दुनिया इसे न भूले.'

ब्रिटिश-इजरायली नागरिक एमिली डमारी ने गंवाई उंगलियां
आईडीएफ ने एमिली डमारी की एक फोटो शेयर की जिसमें उसने हाथ दिखाई है. इसमें उसकी दो उंगलियां कटी हुई नजर आ रही है. इसके ऊपर पट्टी बंधी है. एमिली डमारी के परिवार के सदस्यों का कहना है कि गोली लगने से उसने दो उंगलियों को गंवा दिया. एमिली अपनी मां से मिलकर खुशी जाहिर की.

एमिली डमारी एक ब्रिटिश-इजरायली नागरिक है. उसे किबुत्ज कफर अजा के अपने अपार्टमेंट से अगवा किया गया था. हमास के हमले में यह क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ. ये एक सांप्रदायिक कृषि गांव है. वह एक छोटे से अपार्टमेंट में रहती थी जो गाजा के सबसे नजदीक किबुत्ज का हिस्सा है.

हमास के लड़ाकों ने किबुत्ज की सीमा बाड़ को तोड़ दिया और पड़ोस में लूटपाट की. डमारी की मां मैंडी ने कहा कि उसे संगीत, यात्रा, फ़ुटबॉल, अच्छा खाना, कराओके और टोपियां पसंद हैं. डमारी अक्सर अपने घनिष्ठ मित्र समूह को एक साथ रखने में दिलचस्पी रखती थी. वह हमेशा पूरे किबुत्ज में सबसे अच्छे बारबेक्यू कोने के आसपास दोस्तों की सभाएं आयोजित करती थी. 471 दिनों के बाद एमिली अंततः घर आ गई.

डोरोन स्टीनब्रेचर ने कहा- 'हमास ने मुझे पकड़ लिया है!'
डोरोन स्टीनब्रेचर एक पशु चिकित्सा नर्स है जो जानवरों से प्यार करती है. किबुत्ज कफर अजा में डमारी की पड़ोसी है. स्टीनब्रेचर के पास इजरायल और रोमानियाई दोनों देशों की नागरिकता है. 7 अक्टूबर 2023 को सुबह 10:20 बजे स्टीनब्रेचर ने अपनी मां को फोन कर कहा, 'मां मुझे डर लग रहा है. मैं बिस्तर के नीचे छिपी हुई हूं और मैंने सुना है कि वे मेरे अपार्टमेंट में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. उसके भाई डोर ने उन लम्हों को याद किया. वह अपने दोस्तों को वॉयस मैसेज भेजने में सक्षम थी.

उन्होंने मुझे पकड़ लिया है! उन्होंने मुझे पकड़ लिया है! उन्होंने मुझे पकड़ लिया है! उसके अपहरण के क्षणों में.. यह संदेश उसके परिवार को यह समझने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण था कि डोरोन का अपहरण कर लिया गया. स्टीनब्रेचर को हमास द्वारा 26 जनवरी, 2024 को जारी किए गए एक वीडियो में दो महिला इजराइली सैनिकों के साथ दिखाया गया था.

उसके भाई ने कहा कि वीडियो ने उन्हें उम्मीद दी है कि वह जीवित है, लेकिन चिंता भी पैदा की है क्योंकि वह थकी हुई, कमजोर और दुबली दिख रही थी. लड़ाकों ने कुल मिलाकर ने 7 अक्टूबर को किबुत्ज कफर अजा से 64 लोगों और 22 सैनिकों को मार डाला और 19 लोगों का अपहरण कर लिया था. स्टीनब्रेचर और दामारी की वापसी के साथ गाजा में अभी भी किबुत्ज के तीन सदस्य बंधक हैं.

अमेरिकी-इजरायली कीथ सीगल (65) और जुड़वां गैली और जिव बर्मन(27) शामिल हैं. ओरोन शॉल एक सैनिक था जो 20 जुलाई, 2014 को इजराइल और हमास के बीच लड़ाई के दौरान मारा गया था. उनके और एक अन्य सैनिक, हदर गोल्डिन के शव को तब से लड़ाकों ने अपने कब्जे में रखा हुआ था, जबकि उनके परिवारों ने उन्हें वापस करने के लिए सार्वजनिक अभियान चलाया था. लड़ाकों के पास अभी भी गोल्डिन के साथ-साथ दो इजरायली लोगों के शव हैं जो 2014 और 2015 में अपने आप गाजा में घुस गए थे.

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