वाशिंगटन : भारतीय-अमेरिकी स्तंभकार और 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित वेद नंदा की विरासत को सम्मान देते हुए अमेरिकी कांग्रेस ने इस सप्ताह उन्हें एक प्रतिष्ठित शख्सियत और दोनों देशों के बीच एक सेतु बताया. डेनवर पोस्ट के जाने-माने स्तंभकार और डेनवर विश्वविद्यालय में 50 वर्ष तक पढ़ाने वाले प्रोफेसर नंदा का इस महीने 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था.
उन्हें 2004 में सामुदायिक शांति निर्माण के लिए 'गांधी-किंग-इकेदा' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. सांसद डायना डीगेट ने इस सप्ताह प्रतिनिधि सभा में कहा कि पांच दशक से अधिक समय तक प्रोफेसर नंदा ने डेनवर विश्वविद्यालय और भारतीय प्रवासी समुदाय के छात्रों का उत्थान किया. वह एक प्रतिष्ठित शख्सियत तथा दोनों देशों के बीच सेतु बने.
उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर भी काम किया, जिसमें 'हिंदू यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरिका' के 'चेयरमैन ऑफ बोर्ड' तथा 'अमेरिकन सोसायटी ऑफ इंटरनेशनल लॉ' के उपाध्यक्ष का पद शामिल है. डेनवर पोस्ट के अनुसार, नंदा ने न्याय और शांति के लिए अथक प्रयास किया. भारत के विभाजन पर 2017 में डेनवर पोस्ट के लिए उनके लिखे लेख शायद ही कोई भूल पाएगा.