नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोलैंड की यात्रा पर हैं, जहां से यूक्रेन जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों जैसे अन्य विश्व नेताओं के नक्शेकदम पर चलते हुए पीएम मोदी दक्षिण-पूर्वी पोलैंड से एक ट्रेन में सवार होंगे, जो उन्हें 10 घंटे की रात भर की यात्रा के बाद कीव तक ले जाएगी.
ट्रेन फोर्स वन नाम की यह एक विशेष ट्रेन सेवा है. इसका संचालन यूक्रेन की सरकारी रेलवे कंपनी उक्रजालिज्नित्सिया (Ukrzaliznytsia) करती है. यह ट्रेन रूस के हमले के बाद भी प्रभावित नहीं हुई और चुनौतियों के बावजूद विश्व नेताओं को कीव की सीधी यात्रा कराई, जिन्होंने यूक्रेन के साथ अपनी एकजुटता दिखाई.
अगर पीएम मोदी की पोलैंड से कीव की यात्रा के माध्यम के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स पर भरोसा किया जाए, तो ट्रेन में सवार होने के लिए उन्हें पोलैंड की राजधानी वारसॉ से हवाई जहाज के जरिये रेजजो-जैसियोनका (Rzeszow-Jasionka) जाना होगा. रेजजो दक्षिण-पूर्वी पोलैंड का सबसे बड़ा शहर है. यह सबकार्पेथियन वोइवोडीशिप (Subcarpathian Voivodeship) प्रांत की राजधानी है.
ट्रेन फोर्स वन में क्या खास है?
रेजजो-जैसियोनका एयरपोर्ट पर उतरने के बाद पीएम मोदी को प्रेजमिस्ल ग्लोनी (Przemysl Glowny) रेलवे स्टेशन ले जाया जाएगा, जहां वे ट्रेन फोर्स वन में सवार होंगे. ट्रेन फोर्स वन में आलीशान सीटें हैं, जो उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री से बनी हैं. इस ट्रेन में गणमान्य व्यक्तियों और उनके साथियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बेहद गोपनीय ट्रेन सेवा में कॉन्फ्रेंस रूम और मीटिंग स्पेस भी हैं.
ट्रेन फोर्स वन के लिए सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है. ट्रेन में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. ट्रेन में और पूरे रास्ते में सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. यात्रा पूरी होने तक ट्रेन का सटीक शेड्यूल और समय गोपनीय रखा जाता है, ताकि किसी भी लक्षित हमले का जोखिम कम से कम हो. ट्रेन फोर्स वन के रेलवे लाइन की कड़ी निगरानी की जाती है और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनका रखरखाव किया जाता है, जिसमें नियमित गश्त, निगरानी और सैन्य बलों के साथ समन्वय जैसे सुरक्षा उपाय शामिल हैं.
उक्रजालिज्नित्सिया के पूर्व प्रमुख और ट्रेन फोर्स वन का आइडिया देने वाले ओलेक्सांद्र कामीशिन (Oleksandr Kamyshin) के अनुसार, इस ट्रेन सेवा के संचालन के लिए सुरक्षा ही सब कुछ है. पिछले साल फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की इस ट्रेन से कीव की यात्रा के बाद 'द गार्जियन' को दिए एक इंटरव्यू में कामीशिन ने कहा कि अब तक ट्रेन फोर्स वन की कोई भी जानकारी लीक नहीं हुई है. उन्होंने कहा, "ट्रेन के संचालन में लगे कर्मियों की ओर से कोई तस्वीर नहीं ली गई है. हम प्रतिनिधिमंडलों के विश्वास का सम्मान करते हैं."
उन्होंने कहा कि चुनौती बाइडेन जैसे प्रतिनिधिमंडलों के साथ उचित व्यवहार करने की है, क्योंकि वे कीव में जितना समय बिताते हैं, उससे कहीं ज्यादा समय ट्रेन में बिताते हैं. कामीशिन ने कहा, "उन्होंने (बाइडेन) ट्रेन में 20 घंटे और कीव में चार घंटे बिताए." उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि यूक्रेन के लोग बहादुर हैं. हम चाहते हैं कि उन्हें पता चले कि हम उनका स्वागत कर रहे हैं.
पोलैंड के सीमावर्ती शहर प्रेजमिस्ल से रवाना होने के बाद ट्रेन यूक्रेन के ग्रामीण इलाकों से होते हुए दक्षिण-पूर्व की ओर कीव तक जाती है, जो लगभग 700 किमी की दूरी तय करती है. इस यात्रा में आमतौर पर लगभग 10 घंटे लगते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक अगर पीएम मोदी इस मार्ग को अपनाते हैं, तो वह कीव तक जाने और वहां से आने में 20 घंटे बिताएंगे, जबकि अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान वह यूक्रेनी राजधानी में केवल सात घंटे बिताएंगे. उनकी यह यात्रा भारत और यूक्रेन के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के 30 वर्षों के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा पहला दौरा होगा.