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क्या भारत की आजादी में मददगार पार्टी का साथ देंगे भारतवंशी या ऋषि सुनक बनेंगे प्रधानमंत्री? - UK General Election 2024

ब्रिटेन में गुरुवार को आम चुनाव हो रहे हैं, जिसमें कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार और भारतवंशी ऋषि सुनक और लेबर पार्टी के उम्मीदवार कीर स्टार्मर आमने-सामने हैं. चुनावों में ब्रिटेन में रहने वाले भारतवंशी एक अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन यहां देखने वाली बात यह होगी कि भारतवंशी किसका साथ देते हैं.

Rishi Sunak and Keir Starmer
ऋषि सुनक और कीर स्टार्मर (फोटो - AP Photo)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 4, 2024, 2:25 PM IST

हैदराबाद: ब्रिटेन में 4 जुलाई को प्रधानमंत्री पद के लिए मतदान हो रहे हैं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के लिए दो उम्मीदवार सबसे ज्यादा चर्चित हैं. इनमें लेबरपार्टी के नेता कीर स्टार्मर और कंजर्वेटिव पार्टी के नेता ऋषि सुनक शामिल हैं. ध्यान देने वाली बात यह भी है कि ब्रिटेन में होने वाले मतदान में भारतीय मूल के लोग एक अहम भूमिका निभाते हैं.

यहां रहने वाले 18 लाख से ज्यादा भारतीय मूल के लोग पार्टियों के लिए अहम मतदाता बन जाते हैं. इन्हें लुभाने के लिए दोनों पार्टी के उम्मीदवारों ने भरसक प्रयास किया है और ज्यादा से ज्यादा वोट हासिल करना चाहते हैं. लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह होगी कि जहां ऋषि सुनक खुद भारतीय मूल के हैं, वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी कीर स्टार्मर उस पार्टी से हैं, जिसने भारत को आजादी पाने में उसका साथ दिया था.

आजादी पाने में इस पार्टी ने दिया था साथ: साल 1947 में जब भारत को आजाद करने की मांग तेजी से बढ़ रही थी, तब लेबर पार्टी की नेता क्लिमेंट एटली ने आजादी की हिमायत की थी, जबकि कंजर्वेटिव पार्टी ने भारत की आजादी का विरोध किया था. हालांकि भारत को आजादी मिली और तभी से ब्रिटेन में रहने वाले भारतवंशी लेबर पार्टी के समर्थक बन गए और कंजर्वेटिव पार्टी को बुरा मानने लगे.

हालांकि 80 के दशक में कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार दोबारा ब्रिटेन में बनी और पार्टी की ओर से ब्रिटेन की पहली महिला पीएम मार्गरेट थेचर को बनाया गया. पीएम बनने के बाद उन्होंने ब्रिटेन में रह रहे भारतवंशियों की नजरों में अपनी पार्टी की छवि सुधारने के लिए कड़ी मेहनत की. इसके लिए उन्होंने 1988 में एक दीवाली कार्यक्रम का आयोजन भी किया. इसके अलावा प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने दो बार भारत का दौरा भी किया.

ब्रिटेन चुनावों में भारतीयों की अहम भूमिका: आंकड़ों की माने तो साल 2010 तक ब्रिटेन में भारतवशियों की संख्या 15 लाख के करीब पहुंच गई. इस संख्या के साथ भारतीय ब्रिटेन में होने वाले चुनाव में एक अहम भूमिका निभाने लगे. कंजर्वेटिव पार्टी ने अपनी छवि को और बेहतर करने के लिए साल 2010 में हुए आम चुनाव में भारतीय मूल के कई हिंदुओं को पार्षद से लेकर सांसद तक का टिकट दे दिया.

इसी के चलते पहली बार ऐसा हुआ कि कंजर्वेटिव पार्टी में 17 से ज्यादा भारतवंशियों को टिकट दिया गया. ध्या देने वाली बात यह है कि साल 2010 में 61 प्रतिशत भारतवंशियों ने लेबर पार्टी को वोट दिया था, लेकिन साल 2019 में हुए आम चुनाव में यह आंकड़ा 30 प्रतिशत तक पहुंच गया. वहीं कंजर्वेटिव पार्टी को 24 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे

सुनक के खिलाफ हुए भारतवंशी: एक रिपोर्ट के अनुसार इस बार के चुनाव में भारतवंशी ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी के खिलाफ दिखाई दे रहे हैं. रिपोर्ट की माने तो 65 प्रतिशत भारतवंशी उनके और उनकी पार्टी से नाराज हैं, क्योंकि उनका आरोप है कि सुनक ने पिछले डेढ़ साल के कार्यकाल में उनके लिए कुछ नहीं किया.

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