कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने हाल ही में हुए संसदीय चुनावों में अपनी पार्टी की शानदार जीत के बाद सोमवार को 21 सदस्यीय नए मंत्रिमंडल को शपथ दिलाई. दिसानायके रक्षा, वित्त, योजना और डिजिटल अर्थव्यवस्था सहित प्रमुख मंत्रालयों की सीधे देखरेख करेंगे. हरिनी अमरसूर्या को नई सरकार का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया. एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए, दिसानायके ने लिखा कि आज सुबह, राष्ट्रपति सचिवालय में, मुझे नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) सरकार के नए मंत्रिमंडल को शपथ दिलाने का सम्मान मिला.
हरिनी अमरसूर्या का भारत से कनेक्शन समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि अमरसूर्या ने 1991 से 1994 तक दिल्ली विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की. 54 वर्षीय शिक्षाविद से राजनेता बने इस व्यक्ति ने 1990 के दशक की शुरुआत में हिंदू कॉलेज में पढ़ाई की थी. पीटीआई से बात करते हुए हिंदू कॉलेज की प्रिंसिपल अंजू श्रीवास्तव ने कॉलेज की प्रतिष्ठित पूर्व छात्रा पर गर्व व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यह जानना सम्मान की बात है कि एक हमारी एक छात्रा श्रीलंका की प्रधानमंत्री बन गई हैं.
श्रीवास्तव ने कहा कि हरिनी 1991 से 1994 तक समाजशास्त्र की छात्रा थीं और हमें उनकी उपलब्धियों पर बेहद गर्व है. उन्होंने उम्मीद जताई कि अमरसूर्या का हिंदू में बिताया गया समय उनकी सफलता के मार्ग को आकार देने में एक भूमिका निभाएगा.
श्रीवास्तव ने कहा ने हिंदू कॉलेज में छात्र सरकार की एक लंबी परंपरा है और हम हर साल एक प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता का चुनाव करते हैं. हरिनी की नियुक्ति हमारे कॉलेज के गौरवशाली इतिहास में एक और मील का पत्थर है. अमरसूर्या के पास एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से सामाजिक नृविज्ञान में डॉक्टरेट की डिग्री भी है. उन्होंने अनुप्रयुक्त नृविज्ञान और विकास अध्ययन में स्नातकोत्तर की डिग्री भी हासिल की है.
मंत्रिमंडल में 21 सदस्य हैं, जिनमें रक्षा, वित्त, योजना और डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रालय सीधे मेरी जिम्मेदारी में आते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि डॉ. हरिनी अमरसूर्या ने नई सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है.
कैबिनेट मंत्रियों की पूरी सूची का अनावरण करते हुए, दिसानायके ने हरिनी अमरसूर्या को प्रधानमंत्री के रूप में घोषित किया, जो शिक्षा, उच्च शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा मंत्री भी होंगे. विजिता हेराथ को विदेश मामले, विदेशी रोजगार और पर्यटन मंत्री के रूप में घोषित किया गया है; चंदना अबेरत्ने को लोक प्रशासन, प्रांतीय परिषदों, स्थानीय सरकार मंत्री; अटॉर्नी हर्षना नानायकारा को न्याय और राष्ट्रीय एकीकरण मंत्री; सरोजा सावित्री पॉलराज को महिला और बाल मामलों के मंत्री और केडी लाल कांथा को कृषि, भूमि, पशुधन और सिंचाई मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है.
इसके अतिरिक्त, अनुरा करुणाथिलके को शहरी विकास, निर्माण और आवास मंत्री नामित किया गया है; रामलिंगम चंद्रशेखर को मत्स्य पालन, जलीय और महासागर संसाधन मंत्री; प्रो. उपली पन्निलगे को ग्रामीण विकास, सामाजिक सुरक्षा और सामुदायिक सशक्तिकरण मंत्री; सुनील हंडुन्नथी को उद्योग एवं उद्यमिता विकास मंत्री; आनंद विजेपाला को सार्वजनिक सुरक्षा एवं संसदीय मामलों का मंत्री; बिमल रथनायके को परिवहन, राजमार्ग, बंदरगाह एवं नागरिक उड्डयन मंत्री नियुक्त किया गया.
दिसानायके ने हिनिदुमा सुनील सेनेवी को बुद्धशासन, धार्मिक एवं सांस्कृतिक मामलों का मंत्री; नलिंदा जयतिस्सा को स्वास्थ्य एवं मीडिया मंत्री; सामंथा विद्यारत्ना को वृक्षारोपण एवं सामुदायिक अवसंरचना मंत्री; सुनील कुमार गामगे को युवा मामले एवं खेल मंत्री; वसंथा समरसिंघे को व्यापार, वाणिज्य, खाद्य सुरक्षा एवं सहकारी विकास मंत्री; क्रिशंथा अबेसेना को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री; अनिल जयंता फर्नांडो को श्रम मंत्री; कुमारा जयकोडी को ऊर्जा मंत्री; तथा धम्मिका पटबेंडी को पर्यावरण मंत्री नियुक्त किया.
देश के चुनाव आयोग द्वारा घोषित आधिकारिक परिणामों के अनुसार, हाल ही में संपन्न चुनावों में राष्ट्रपति दिसानायके के वामपंथी गठबंधन ने भारी जीत दर्ज की. दिसानायके को अपने वादों को पूरा करने के लिए स्पष्ट बहुमत की आवश्यकता थी और उनके एनपीपी गठबंधन ने 225 सदस्यीय संसद में दो-तिहाई बहुमत हासिल किया, जिसमें 159 सीटें जीतीं, जबकि विपक्षी नेता प्रेमदासा की पार्टी ने 35 सीटें जीतीं.
दिसानायके ने इस साल सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनावों में जीत हासिल की. निवर्तमान संसद में उनके गठबंधन के पास केवल तीन सीटें होने के कारण, जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के 55 वर्षीय नेता ने नए जनादेश की तलाश में त्वरित विधायी चुनावों की घोषणा की. संसदीय चुनाव जनादेश दिसानायके को संकटग्रस्त श्रीलंका में कठोर मितव्ययिता उपायों को कम करने में सक्षम बनाता है.