टोरंटो:बांग्लादेशी मूल के हिंदू समुदाय के शेख हसीना सरकार के पतन के बाद वहां अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को उजागर करने के लिए के कनाडा में एक प्रोटेस्ट आयोजित किया. इस विरोध प्रदर्शन में एक हजार से अधिक प्रदर्शनकारी एकत्र हुए. इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन बांग्लादेशी हिंदी कनाडाई समूह ने किया था, लेकिन इसे अन्य संगठनों का भी समर्थन मिला.
प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों, खासकर हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ नारे लगाए और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली ढाका की अंतरिम सरकार और ओटावा सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से न्याय की मांग की.
कनाडा सरकार से अपील
मुख्य आयोजकों में से एक निरंजन सरकार ने कहा कि हम चाहते हैं कि कनाडा सरकार हिंदुओं के सफाए को रोकने और बांग्लादेश में लोकतंत्र, नागरिक अधिकारों और कानून व्यवस्था की बहाली के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने में मदद करे.
इन समूहों ने किया समर्थन
इस विरोध प्रदर्शन को उत्तरी अमेरिका के हिंदुओं के गठबंधन (CoHNA) जैसे समूहों ने समर्थन दिया, जिन्होंने मांग की कि कनाडाई सांसद बांग्लादेशी हिंदुओं के उत्पीड़न को पहचानें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें. इंडो-कैनेडियन और यहूदी समूह और अन्य सहयोगी भी मौजूद थे.
बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता
बता दें कि बीते 5 अगस्त को देशभर में हुए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता हो गई है. इन प्रदर्शनों के कारण शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा. उनके देश छो़ड़ने के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बना ली है.
यूनुस ने अपने समर्थकों और बांग्लादेश के लोगों से शांति बनाए रखने और अराजकता को समाप्त करने का आग्रह किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सुनिश्चित करना हमारी पहली जिम्मेदारी है कि देश में किसी के खिलाफ कोई हमला न हो.
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