मॉस्को:प्रधानमंत्री मोदी की हालिया कीव यात्रा को रूस यूक्रेनी संकट के राजनीतिक और कूटनीतिक समाधान में एक व्यवहार्य योगदान देने के प्रयास के रूप में देखता है. इसको लेकर रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार को एक ब्रीफिंग में कहा कि हम भारत को एक प्रभावशाली विश्व शक्ति मानते हैं जो अपने राष्ट्रीय हितों के लिए एक स्वतंत्र विदेश नीति अपनाता है.
उन्होंने कहा, "हम रूस-भारत के संबंधों को एक विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के रूप में महत्व देते हैं. हम प्रधानमंत्री मोदी की कीव यात्रा को यूक्रेनी संकट के राजनीतिक और कूटनीतिक समाधान में एक व्यवहार्य योगदान देने के प्रयास के रूप में देखते हैं, साथ ही अन्य देशों के प्रयासों के रूप में भी जो एक निष्पक्ष संतुलित लाइन को आगे बढ़ा रहे हैं."
रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह यूक्रेन मुद्दे पर भारत के साथ बातचीत जारी रखने के लिए तैयार है. हम आपको याद दिलाना चाहेंगे कि रूसी पक्ष ने कभी भी राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से विशेष सैन्य अभियान के लक्ष्यों को प्राप्त करने से इनकार नहीं किया है. हम अपनी व्यावहारिक गतिविधियों में इसे साबित करते हैं.
पीएम मोदी ने पुतिन से की बात
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को ब्रीफ करने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार 27 अगस्त को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कीव की अपनी यात्रा और सभी हितधारकों के बीच ईमानदार और व्यावहारिक जुड़ाव की आवश्यकता के बारे में बात की.
रूस शांति में दिलचस्पी नहीं रखता- जेलेंस्की
वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने बताया कि रूस शांति में दिलचस्पी नहीं रखता है. उन्होंने भारत से रूसी तेल के आयात को कम करने का आग्रह किया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी की यूक्रेन की यात्रा को लेकर उनक 'प्रशंसा' की थी. इससे पहले पीएम मोदी ने अपनी मॉस्को यात्रा के दौरान पुतिन को गले लगाया था, जिसको लेकर उनकी आलोचना भी हुई थी.