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ईरान के सुप्रीम लीडर ने भारत में अल्पसंख्यकों को लेकर की टिप्पणी, विदेश मंत्रालय ने सुनाई खरी-खरी - India Iran - INDIA IRAN

Iran Supreme Leader Remarks on Minorities in India: भारत ने अल्पसंख्यकों को लेकर ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई की टिप्पणी पर सख्त आपत्ति जताई है और दूसरों पर बयान देने से पहले अपने गिरेबान में झांकने को कहा है.

Iran Supreme Leader Remarks on Minorities in India
ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 16, 2024, 10:50 PM IST

नई दिल्ली: ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई ने सोमवार को एक संदेश में दुनिया भर के मुसलमानों के बीच एकजुटता का आह्वान करते हुए भारत, गाजा और म्यांमार में मुस्लिमों की 'पीड़ा' का मुद्दा उठाया. वहीं, भारत ने खामेनेई की टिप्पणी का खंडन किया है और इसे अस्वीकार्य बताया है.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हम ईरान के सुप्रीम लीडर द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के बारे में की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं. ये गलत सूचना है, जो अस्वीकार्य है. अल्पसंख्यकों को लेकर टिप्पणी करने वाले देशों को सलाह दी जाती है कि वे दूसरों के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से पहले अपना रिकॉर्ड देखें."

ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट में भारत, गाजा और म्यांमार में मुसलमानों की पीड़ा के मुद्दे को उठाया. उन्होंने एक्स पर लिखा, "इस्लाम के दुश्मनों ने हमेशा एक इस्लामी उम्माह के रूप में हमारी साझा पहचान के संबंध में हमें उदासीन बनाने की कोशिश की है. हम खुद को मुसलमान नहीं मान सकते अगर हम म्यांमार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर एक मुसलमान द्वारा झेली जा रही पीड़ा से अनजान हैं."

एक्स पर एक अन्य पोस्ट में उन्होंने गाजा और फिलिस्तीन के लोगों की पीड़ा का मुद्दा उठाया. खामेनेई ने कहा, "इस्लामी उम्माह के सम्मान को बनाए रखने के प्रमुख लक्ष्य को हासिल करना केवल एकता के जरिये ही संभव है. उन्होंने आगे कहा, "आज, गाजा और फिलिस्तीन के पीड़ित लोगों का समर्थन करना हमारा कर्तव्य है. जो कोई भी इस कर्तव्य को नहीं निभाता है, वो निश्चित रूप से अल्लाह के सामने जवाबदेह होंगे.

भारत-ईरान के बीच ऐतिहासिक संबंधों का लंबा इतिहास
भारत और ईरान के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों का लंबा इतिहास है, जिसमें कला, साहित्य और व्यापार पर प्रभाव पड़ा है. दोनों देशों ने विशेष रूप से ऊर्जा क्षेत्र में पर्याप्त व्यापार किया है. ईरान भारत को तेल का प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है. हालांकि भू-राजनीतिक मुद्दों और ईरान पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण व्यापार गतिशीलता में उतार-चढ़ाव आया है.

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