कुआलालंपुर : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने विचारों का आदान-प्रदान किया और व्यापार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा, कृषि, पर्यटन, रक्षा और म्यांमार सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग को लेकर चर्चा की. आधिकारिक समाचार एजेंसी बरनामा ने बताया कि दो दिवसीय यात्रा पर यहां आए जयशंकर ने प्रधानमंत्री कार्यालय में अनवर से मुलाकात की और दोनों नेताओं की बैठक करीब एक घंटे तक चली.
बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि अनवर और जयशंकर ने व्यापार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा, कृषि, पर्यटन, रक्षा और डिजिटल जैसे क्षेत्रों के साथ ही म्यांमार सहित विभिन्न क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग के संबंध में चर्चा की. बयान के मुताबिक अनवर ने मलेशिया में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) का परिसर स्थापित करने की प्रक्रिया सुगम बनाने की अपनी प्रतिबद्धता जताई.
प्रधानमंत्री ने मलेशिया की तब सहायता करने के लिए अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी की सराहना की जब देश चावल की कमी से जूझ रहा था. उन्होंने भारत से कृषि उपज के आयात पर और सहूलियत की उम्मीद की. अनवर ने कहा, 'दोनों मित्र देशों के लोगों के लाभ के लिए मलेशिया-भारत संबंध बढ़ते और फलते-फूलते रहें.' बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री जल्द ही भारत की यात्रा करने के इच्छुक हैं.
जयशंकर तीन देशों की आधिकारिक यात्रा के तहत सिंगापुर, फिलीपीन के बाद अंतिम पड़ाव मलेशिया की यात्रा के तहत कुआलालंपुर पहुंचे हैं. उन्होंने मलेशिया को प्रधानमंत्री मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दीं. विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से मुलाकात करना सम्मान की बात है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दीं.'
मलेशिया के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण की प्रशंसा करते हुए जयशंकर ने कहा, 'पारंपरिक और नव-युग दोनों क्षेत्रों में मजबूत भारत-मलेशिया संबंधों को लेकर उनका दृष्टिकोण, हमें रिश्तों के लिए अधिक महत्वाकांक्षी एजेंडा तैयार करने में मदद करेगा.' उन्होंने कहा, 'क्षेत्रीय विकास को लेकर उनके मार्गदर्शन और अंतर्दृष्टि का लाभ हुआ है.' इससे पहले जयशंकर ने अपने मलेशियाई समकक्ष मोहम्मद बिन हाजी हसन से मुलाकात की.
मलेशिया के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक दोनों विदेश मंत्रियों ने 'सकारात्मक और स्पष्ट चर्चा की, जिसमें मलेशिया-भारत द्विपक्षीय मामलों के बहुमुखी आयामों के साथ-साथ पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी शामिल था.' बयान के मुताबिक बैठक में कृषि और खाद्य सुरक्षा मंत्री मोहम्मद साबू और उप व्यापार और उद्योग मंत्री ल्यू चिन टोंग भी शामिल हुए. बयान में कहा गया है कि 2023 में, भारत, मलेशिया का 12वां सबसे बड़ा वैश्विक व्यापारिक साझेदार था और कुल व्यापार 16.53 अरब अमेरिकी डॉलर था.
ये भी पढ़ें - दक्षिण चीन सागर मुद्दा: जयशंकर की टिप्पणी पर चीन को लगी मिर्ची, कहा- 'तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं'