नई दिल्ली: भूटान और भारत ने कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, कौशल विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, सांस्कृतिक विरासत, क्षमता निर्माण, औद्योगिक पार्क, खेल, युवा आदान-प्रदान, डिजिटल अर्थव्यवस्था, ई-मोबिलिटी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों के लिए 4,958 करोड़ रुपये की कुल 61 परियोजनाओं को मंजूरी दी है. यह भूटान के राजा के दृष्टिकोण और शाही सरकार व भूटान के लोगों की प्राथमिकताओं के अनुरूप है. साथ ही भारत और भूटान के विदेश सचिवों ने वर्चुअल रूप से 19 स्कूलों का उद्घाटन किया, जिनका निर्माण 12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के दौरान किया गया था.
भूटानी विदेश सचिव ओम पेमा चोडेन के निमंत्रण पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 19-20 जुलाई को भूटान की आधिकारिक यात्रा की. विदेश सचिव के रूप में यह उनकी पहली विदेश यात्रा थी. इस दौरान विदेश सचिव मिस्री ने भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की. उन्होंने प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे और विदेश मामलों और बाहरी व्यापार मंत्री डीएन धुंग्याल से भी मुलाकात की.
विदेश सचिव मिस्री ने विदेश सचिव पेमा चोडेन के साथ भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना (एफवाईपी) के लिए तीसरी भारत भूटान विकास सहयोग वार्ता की सह-अध्यक्षता की. भारत और भूटान के बीच मजबूत साझेदारी है, जिसकी विशेषता सभी स्तरों पर विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ, दोस्ती के मजबूत बंधन और लोगों से लोगों के बीच घनिष्ठ संपर्क हैं. दोनों पक्षों ने विकास साझेदारी, ऊर्जा, व्यापार और निवेश, कनेक्टिविटी और व्यापार बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी, दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों के साथ-साथ पारस्परिक महत्व के अन्य क्षेत्रीय मुद्दों सहित द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं पर व्यापक चर्चा की. भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के लिए 10,000 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई.