इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने मौजूदा सरकार के संवैधानिक संशोधनों को लागू करने के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र का रूख किया है. इस मुद्दे को लेकर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत के माध्यम से तत्काल एक अपील भी दायर की है. इमरान खान का कहना है कि इस संवैधानिक संशोधन से न्यायिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को खतरा है.
जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार संवैधानिक संशोधनों को लेकर आवश्यक संख्या बल जुटाने का प्रयास कर रही है. इस बीच इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखा है. उन्होंने इसमें न्यायाधीशों और वकीलों की स्वतंत्रता पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत के माध्यम से तत्काल एक अपील भी दायर की है. विशेष दूत से खान के परिवार द्वारा उनकी ओर से संयुक्त राष्ट्र में भागीदारी और अंतरराष्ट्रीय वकालत करने के लिए भी कहा गया है.
इमरान खान के वकील फिट्जगेराल्ड के.सी., ईटवेल और रॉबिन्सन ने दावा किया है कि संविधान में किए गए परिवर्तन वास्तव में सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को प्रभावित करने के उद्देश्य से किए गए हैं. इससे देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए मौजूदा सजा को और मजबूत किया जाएगा.