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कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफा दिया, देश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ने के संकेत! - JUSTIN TRUDEAU RESIGNS

जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. अब कनाडा में चुनाव और अगले प्रधानमंत्री को चुने जाने की कवायद शुरू होगी.

जस्टिन ट्रूडो
जस्टिन ट्रूडो (AFP)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 6, 2025, 9:53 PM IST

ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, सत्ताधारी लिबरल पार्टी में अगले नेता का चुनाव होने तक ट्रूडो कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे. ट्रूडो के इस्तीफे के बाद कनाडा में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ने के संकेत साफ नजर आ रहे हैं. पीएम पद के साथ-साथ उन्होंने लिबरल पार्टी के नेता का पद भी छोड़ दिया है.

अब कनाडा में चुनाव और अगले प्रधानमंत्री को चुने जाने की कवायद शुरू होगी. कनाडा की सियासत इस समय काफी गरमाई हुई है. ट्रूडो ने कहा "मैं पार्टी नेता के पद से तथा पार्टी द्वारा अगले नेता का चयन करने के बाद प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने का इरादा रखता हूं... कल रात मैंने लिबरल पार्टी के अध्यक्ष से यह प्रक्रिया शुरू करने को कहा."

ट्रूडो के लिए मुश्किल भरा सफर
राजनीति में ट्रूडो को कुछ महीनों तक मुश्किलों का सामना करना पड़ा. उनकी अपनी पार्टी के सदस्य उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे. सितंबर में, उन्हें संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा, जो बाद में विफल हो गया, बावजूद इसके कि कंजर्वेटिव पार्टी ने उन्हें पद से हटाने के लिए कई प्रयास किए.

16 दिसंबर को, वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने घोषणा की कि वह ट्रूडो के मंत्रिमंडल से हट रही हैं, जिससे प्रधानमंत्री को बड़ा झटका लगा. बाद में दिसंबर में, ट्रूडो के प्रमुख सहयोगियों में से एक, न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह ने कहा कि वह उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की योजना बना रहे हैं. ट्रूडो ने 2013 में लिबरल नेता के रूप में पदभार संभाला. संभवतः उनके इस्तीफे के बाद स्थिर सरकार बनाने के लिए जल्दी चुनाव कराने की नई मांग उठेगी.

सरकार के प्रति बढ़ते असंतोष और ट्रूडो का इस्तीफा का कनेक्शन
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि, सरकार के प्रति बढ़ते असंतोष के कारण ट्रूडो ने पद छोड़ने का फैसला लिया. जस्टिन ट्रूडो 2015 से कनाडा के प्रधानमंत्री हैं. बुधवार को राष्ट्रीय कॉकस की बैठक से पहले ट्रूडो ने इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया.

रिपोर्ट में कहा गया है कि. संभवतः कॉकस सत्र के बाद नेतृत्व के मुद्दों पर निर्णय लेने वाली लिबरल पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी इस सप्ताह बैठक करने की योजना बना रही है. शुक्रवार को, द ग्लोब ने रिपोर्ट किया था कि, ट्रूडो के सलाहकार इस बात पर विचार कर रहे हैं कि जब तक एक नया लिबरल नेता नहीं चुना जाता, तब तक वे प्रधानमंत्री कैसे बने रह सकते हैं.

कनाडा में राजनीतिक संकट
एक अन्य सूत्र ने कहा कि ट्रूडो के लिए प्रधानमंत्री के रूप में तब तक बने रहना समझ में आता है, जब तक कि एक नेता नहीं चुना जाता है, ताकि वे डोनाल्ड ट्रम्प के आने वाले अमेरिकी प्रशासन और 25 प्रतिशत टैरिफ की उनकी धमकी से निपट सकें. लिबरल पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि नेतृत्व की दौड़ में कम से कम तीन महीने लगेंगे, हालांकि पार्टी संविधान कम से कम चार महीने का अनुरोध करता है.

ट्रूडो की कम होती लोकप्रियता
इस्तीफे की खबर ऐसे समय में आई है, जब कनाडा में ट्रूडो की लोकप्रियता लगातार कम हो रही है. कनाडा में अक्टूबर के अंत तक चुनाव होने की बात कही जा रही है. जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि पियरे पोलिएवरे की कंजर्वेटिव पार्टी द्वारा उनकी पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा. कनाडाई पोलस्टर एंगस रीड के अनुसार, 24 दिसंबर तक ट्रूडो की अस्वीकृति दर लगभग 68 प्रतिशत थी.

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