ढाका: बांग्लादेश में पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिसंक झड़पों के बीच पीएम शेख हसीना ने पद से इस्तीफा देने के साथ देश छोड़ दिया है. ढाका में स्थिति अत्यधिक संवेदनशील है और प्रधानमंत्री के आवास पर भीड़ ने कब्जा कर लिया है.
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दरअसल, प्रदर्शनकारी छात्र विवादित आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं. यहां रविवार शाम छह बजे से कर्फ्यू लगा हुआ है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शेख हसीने के देश छोड़ते ही, बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है अब देश के अंतरिम सरकार चलाएगी.
पीएम के खिलाफ प्रदर्शन के बाद शेख हसीना का इस्तीफा
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने कहा, 'देश में कर्फ्यू या किसी आपातकाल की जरूरत नहीं, आज रात तक संकट का समाधान निकाल लेंगे." बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने कहा, "सेना के साथ चर्चा में मुख्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे. छात्रों से अनुरोध है कि वे शांत रहें और घर वापस जाएं."
प्रधानमंत्री के आवास पर भीड़ ने कब्जा किया
वहीं, बांग्लादेश के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर एएनआई से कहा,हिंसा भड़कने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका में अपना सरकारी आवास छोड़ दिया है. वर्तमान में उनका ठिकाना अज्ञात है. ढाका में स्थिति अत्यधिक संवेदनशील है और प्रधानमंत्री के आवास पर भीड़ ने कब्जा कर लिया है.
पिनाक रंजन चक्रवर्ती ने कहा...
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के ढाका स्थित सरकारी आवास से जाने की खबरों पर बांग्लादेश में भारत के पूर्व उच्चायुक्त पिनाक रंजन चक्रवर्ती ने कहा, "बांग्लादेश में दबाव और प्रदर्शन बढ़ रहे थे. स्पष्ट रूप से, वहां की सरकार दबाव में थी....अगर यह सच है कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, तो उस देश में सेना जो एक शक्तिशाली संस्था है, ने किसी तरह से हस्तक्षेप किया होगा और उन्हें बताया होगा कि हालात खराब हैं... यह बांग्लादेश में एक बड़ी घटना है और हम वहां एक नई तरह की सरकार देखेंगे. हम अस्थिरता के दौर की ओर देख सकते हैं जो देश के लिए बुरा है। यह क्षेत्र के लिए भी अच्छा नहीं है. भारत देख रहा है कि क्या होने वाला है."