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बांग्लादेश: इस्कॉन के चिन्मय दास को नहीं मिली राहत, अदालत ने फिर जमानत याचिका खारिज की - BANGLADESH CHINMOY KRISHNA DAS

बांग्लादेश में इस्कॉन के प्रमुख सदस्य चिन्मय कृष्ण दास अभी भी कानूनी पेचिदगियों में फंसे हैं. उन्हें देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

Bangladesh Court again rejects bail plea of priest Chinmoy Krishna Das
बांग्लादेश में हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 12, 2024, 6:51 AM IST

ढाका: बांग्लादेश की एक अदालत ने गिरफ्तार हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत पर सुनवाई की तारीख बदलने की याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि बांग्लादेश सम्मिलितो सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास ने बुधवार को याचिका प्रस्तुत करने वाले वकील को अधिकार नहीं दिया है.

बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता रवींद्र घोष ने चटगांव जाकर चिन्मय कृष्ण दास के लिए अदालत में याचिका पेश की. घोष ने एएनआई को इस संबंध में जानकारी देते कहा कि उन्होंने चिन्मय कृष्ण दास की जमानत पर सुनवाई के लिए शीघ्र तारीख तय करने के लिए चटगांव अदालत में एक आवेदन दिया. लेकिन उस समय लगभग 30 वकील अदालत की अनुमति के बिना अदालत कक्ष में घुस आए और उनपर हमला करने की कोशिश की.

उन्होंने कहा कि वे उन्हें इस्कॉन का एजेंट और चिन्मय का एजेंट कहकर चिढ़ाते हैं. वे जानना चाहते हैं कि मैं यहां क्यों आया हूं. वे कहते हैं कि एक वकील की हत्या कर दी गई. वे मुझे हत्यारा कहते हैं. मैं एक वकील के तौर पर आया हूं. मैं हत्यारा कैसे हो सकता हूं!'

घोष ने कहा, 'जज ने उन्हें डांटा. वे मुझ पर हमला नहीं कर सके क्योंकि पुलिस वहां मौजूद थी'. घोष ने तर्क दिया कि चिन्मय के वकील सुनवाई में शामिल नहीं हो सके क्योंकि हत्या का मामला वकील के नाम पर दर्ज किया गया था. घोष ने उनकी ओर से आवेदन किया.

घोष ने कहा, 'मेरी याचिका खारिज होने के बाद मैं जेल गया और चिन्मय से अपना मामला आगे बढ़ाने के लिए आधिकारिक स्वीकृति ली. जेल अधीक्षक ने ऐसी स्वीकृति की प्रति पर की पुष्टि की. मैं गुरुवार को फिर से अदालत में आवेदन करूंगा. चिन्मय कृष्ण दास इस्कॉन के पूर्व पुजारी हैं. उन्हें पुलिस ने 25 नवंबर को देशद्रोह के आरोप में ढाका हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था.

बता दें कि 26 नवंबर को बांग्लादेश के बंदरगाह शहर चटगांव की एक अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया. उनके अनुयायियों ने उनकी जेल वैन के सामने धरना दिया और उसे रोक दिया. प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प के बाद पुलिस ने उन्हें हटाया. झड़पों के दौरान सैफुल इस्लाम अलिफ नामक एक वकील की मौत हो गई. 3 दिसंबर को चटगांव की अदालत ने जमानत की सुनवाई के लिए 2 जनवरी की तारीख तय की थी क्योंकि चिन्मय का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई वकील नहीं था.

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