त्बिलिसी:जॉर्जिया के गुडारी में 14 दिसबंर को एक रेस्तरां के अंदर 12 भारतीय कर्मचारी मृत पाए गए थे. अधिकारियों को संदेह है कि ये मौतें कार्बन मोनोऑक्साइड गैस से निकलने वाले जहर के कारण हुई हैं. इस पर त्बिलिसी में भारतीय दूतावास ने दुख जताया और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं.
जॉर्जिया में भारतीय मिशन ने सोमवार को कहा,"दूतावास स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है, ताकि शवों को भारत जल्दी से जल्दी वापस लाया जा सके. हम शोक संतप्त परिवारों के संपर्क में हैं और हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."
कहां से आई कार्बन मोनोऑक्साइड ?
जानकारी के मुताबिक सभी बारह लोग भारतीय रेस्तरां की दूसरी मंजिल पर अपने बेडरूम में मृत पाए गए. प्रारंभिक जांच के अनुसार कार्बन मोनोऑक्साइड एक बिजली जनरेटर द्वारा छोड़ा गया था, जिसे बेडरूम के पास एक बंद जगह में रखा गया था. बिजली कटौती के बाद जनरेटर चालू किया गया था, जिससे जहर फैला गया. ऐसा संदेह है कि गैस कमरों में छोड़ी गई थी, जिससे कर्मचारियों का नींद में ही दम घुट गया.
कार्बन मोनोऑक्साइड पॉइजनिंग क्या है?
कार्बन मोनोऑक्साइड या CO पॉइजनिंग तब होती है, जब कोई व्यक्ति कार्बन मोनोऑक्साइड के धुएं में सांस लेता है. यह जानलेवा है और इसका पता लगाना मुश्किल है, क्योंकि CO एक रंगहीन और गंधहीन गैस है जो ईंधन के जलने पर बनती है.