हैदराबादः हर साल 10 जुलाई को विश्व वायुमार्ग विकार दिवस मनाया जाता है. इस दिवस की स्थापना कोपिंग विद लैरींगोमलेशिया, इंक की ओर से की गई थी. World Airway Disorders Day में वायुमार्ग रोग शब्द से तात्पर्य खास बीमारियों के लक्षणों के समूह का वर्णन करने के लिए जाता है, जो दर्शाता है कि किसी व्यक्ति को ब्रोन्कोस्पाज्म (ब्रोन्कियल ऐंठन) की समस्या हो रही है. यह समस्या तब होती है जब वायुमार्ग (श्वास नली) किसी कारण से प्रभावित/परेशान हो जाता है. श्वास नली में समस्या होने के कारण सांस लेने में पीड़ित को समस्या होती है. सांस असमान्य होने के कारण सांस लेने के दौराम काफी शोर पैदा होता है. इसके अलावा पीड़ित के नाखूनों का रंग नीला होने लगाता है.
ब्रोन्कोस्पाज्म क्या है?
सांस की नली को फेफड़ों से जोड़ने वाले श्वास नली को मेडिकल की भाषा में ब्रोंची कहा जाता है. कभी-कभी ब्रोंची को लाइन करने वाली मांसपेशियां कस जाती हैं. यह समस्या श्वास नली को संकीर्ण कर देती हैं. इसे ब्रोन्कोस्पाज्म कहा जाता है. यह शरीर को मिलने वाली ऑक्सीजन की मात्रा को सीमित कर देता है. इस कारण इंसान के शरीर में कई समस्याएं पैदा हो जाती है.
वायुमार्ग विकारों में कई तरह की स्थितियां शामिल हैं जो बच्चे के श्वास मार्ग को प्रभावित करती हैं. वायुमार्ग स्वरयंत्र (आवाज बॉक्स), ग्रसनी (मुंह और नाक के पीछे), श्वासनली (वायुमार्ग) और ब्रांकाई (फेफड़ों के मार्ग) नामक संरचनाओं से बना होता है. ये रोग नलियों (वायुमार्ग) को प्रभावित करते हैं जो ऑक्सीजन और अन्य गैसों को फेफड़ों में और बाहर ले जाते हैं.
वे आमतौर पर वायुमार्ग के संकीर्ण होने या रुकावट का कारण बनते हैं. वायुमार्ग रोगों में अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), ब्रोंकियोलाइटिस और ब्रोन्किइक्टेसिस (जो सिस्टिक फाइब्रोसिस वाले व्यक्तियों के लिए मुख्य विकार भी है) शामिल हैं. वायुमार्ग रोगों वाले लोग अक्सर कहते हैं कि उन्हें ऐसा लगता है जैसे वे 'एक स्ट्रॉ के माध्यम से सांस छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.'
लैरींगोमैलेशिया क्या है?
लैरींगोमैलेशिया (Lah-Ring-Oh-Ma-LAY-Shia) एक स्वरयंत्र (larynx) असामान्यता है जो नवजात शिशुओं में हो सकती है. यह तब होता है जब आवाज बॉक्स के ऊपर कमजोर, लचीले ऊतक अस्थायी रूप से वायुमार्ग पर वापस गिर जाते हैं. यह शिशुओं में शोर वाली सांस लेने का सबसे आम कारण है. लैरींगोमैलेशिया आपके बच्चे के सांस लेने पर एक तेज चीख (स्ट्रिडोर) की तरह लगता है. यह आमतौर पर गंभीर नहीं होता है. लेकिन खासकर गंभीर मामलों में, यह अन्य जटिलताओं के अलावा सांस लेने और खिलाने की समस्या पैदा कर सकता है.
संकेत और लक्षण
अगर कोई बच्चा लैरींगोमैलेशिया के साथ पैदा हुआ है, तो लक्षण जन्म के समय ही मौजूद हो सकते हैं. जन्म के पहले कुछ हफ्तों में ज्यादा स्पष्ट हो सकते हैं. यह असामान्य नहीं है कि शोर वाली सांस लेने की समस्या ठीक होने से पहले और भी खराब हो जाए. आमतौर पर 4 से 8 महीने की उम्र के आसपास होता है. अधिकांश बच्चे 18 से 20 महीने की उम्र तक लैरींगोमैलेशिया से उबर जाते हैं.