BMI नहीं, बॉडी राउंडनेस इंडेक्स से पता चलेगा सटीक मोटापा, आप कितने मोटे, जानें यहां - Body Roundness Index - BODY ROUNDNESS INDEX
मोटापे को मापने के लिए आमतौर पर बॉडी मास इंडेक्स यानी BMI का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन अब शोधकर्ताओं ने मोटापे को मापने का एक नया फॉर्मूला BRI यानी बॉडी राउंडनेस इंडेक्स पेश किया है. शोधकर्ताओं का कहना है कि इस फॉर्मूले से BMI के मुकाबले ज्यादा सटीक आंकड़े मिलते हैं.
बॉडी राउंडनेस इंडेक्स से पता चलेगा सटीक मोटापा (फोटो - Getty Images)
हैदराबाद: मोटापा किसी के लिए भी बहुत ही बड़ी परेशानी का सबब होता है. अब तक शरीर का मोटापा BMI या बॉ़डी मास इंडेक्स से मापा जा रहा था, लेकिन अब शोधकर्ताओं ने एक नई प्रणाली को पेश किया है, जिसे बॉडी राउंडनेस इंडेक्स यानी BRI नाम दिया गया है. लेकिन सवाल यह है कि क्या 'शरीर की गोलाई' आपके वजन और स्वास्थ्य जोखिमों का एक अच्छा संकेतक है? तो एक नए शोध से पता चलता है, हां.
बॉडी राउंडनेस इंडेक्स से पता चलेगा सटीक मोटापा (फोटो - Getty Images)
विशेषज्ञ मोटापे की गणना करने के लिए बॉडी राउंडनेस इंडेक्स नाम की प्रणाली का उपयोग करने के लिए एक नए तरीके का इस्तेमाल कर रहे है, जिसे बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) ट्रस्टेड सोर्स की तुलना में अधिक सटीक माप हासिल की जा सकती है. JAMA नेटवर्क ओपन ट्रस्टेड सोर्स में प्रकाशित एक नए शोध में, शोधकर्ताओं ने लगभग 33,000 वयस्कों को शामिल किया और पाया कि एक हाई BRI किसी भी कारण से मृत्यु के बढ़ते जोखिम से जुड़ा था.
बॉडी राउंडनेस इंडेक्स से पता चलेगा सटीक मोटापा (फोटो - Getty Images)
क्या है बॉडी राउंडनेस इंडेक्स? बॉडी राउंडनेस इंडेक्स, बॉडी मास इंडेक्स के समान ही है, लेकिन यह अधिक मानवशास्त्रीय वैरिएबल पर निर्भर करता है. जानकारी के अनुसार BRI को पहली बार साल 2013 में प्रस्तावित किया गया था. इसकी गणना के लिए किसी व्यक्ति की लंबाई, वजन, कमर की परिधि और कभी-कभी कूल्हे की परिधि का इस्तेमाल किया जाता है. 17वीं सदी के जर्मन खगोलशास्त्री जोहान्स केपलर के सिद्धांत का एक हिस्सा इस्तेमाल करें और आपको BRI मिल जाएगा.
बॉडी राउंडनेस इंडेक्स से पता चलेगा सटीक मोटापा (फोटो - Getty Images)
बॉडी राउंडनेस इंडेक्स निकालने का फॉर्मूला JAMA नेटवर्क में प्रकाशित रिपोर्ट में थॉमस एट अल द्वारा विकसित सूत्र के अनुसार, बॉडी राउंडनेस इंडेक्स की गणना 364.2 -365.5 × √(1-[कमर की परिधि CM में / 2π]2 / [0.5 × लंबाई मीटर में]2) के रूप में की गई. रिफरेंस रेंज के अभाव के कारण, सभी कारणों से होने वाली मृत्यु दर के साथ संबंध का पता लगाने के लिए BRI को 20वें, 40वें, 60वें और 80वें क्वांटाइल के अनुसार 5 समूहों में वर्गीकृत किया गया था.