पटना: बिहार में मई के महीने में लू की गर्म हवाएं तेज होने लगी है. दिन के 12:00 से 3:00 तक गर्म हवा के झोंके के साथ लू की हवा चल रही है. ऐसे में लू के झोंके के साथ काफी धूलकण भी उड़ रहे हैं. धूल के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत बढ़ने लगी है. कई लोगों को धूलकण के कारण स्किन में एलर्जी की शिकायत हो रही है. ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि दिन के समय धूलकण के प्रदूषण से बचाना बेहद जरूरी है.
कैसे करता है ये असर?:पटना के न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल की अधीक्षक डॉक्टर मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि झोंके के साथ जब लू की हवा चलती है तो उसमें धूलकण भी काफी होते हैं. इस धूलकण में महीन कण भी होते हैं और मोटे कण भी होते हैं. ऐसे में यह सांस लेने के दौरान सीधे हमारे शरीर में जाए तो शरीर को गंभीर रूप से बिमार बना देता है. सांस लेने से संबंधित समस्याएं जैसे जो लोग अस्थमा से पहले से ग्रसित हैं उनकी परेशानी कई गुना बढ़ जाती है.
स्किन में हो रही एलर्जी: धूलकण के कारण छींक आना, सांस लेने में भारी पन महसूस करना और खांसी की समस्या आम है. हालांकि यही जब हमारे फेफड़ों में बैठने लगेगा तो कई गंभीर बीमारी से ग्रसित कर सकता है. डॉ मनोज कुमार ने बताया कि इसके अलावा अभी के समय जो लोग हाफ स्लीव के कपड़े पहन रहे हैं, अथवा चेहरे को खुला छोड़कर सड़क पर चल रहे हैं तो धूलकण के कारण स्किन में एलर्जी की शिकायत आ रही है. चेहरे पर दाने निकलने लग रहे हैं और चेहरा ड्राई हो जा रहा है. स्किन में खुजली की शिकायत भी बढ़ गई है.
कैसे करें बचाव: डॉ मनोज कुमार ने बताया कि दिन के समय लू की गर्म झोंकों के साथ चलने वाली हवा में धूलकण काफी मात्रा में होता है. सुबह 11:00 से शाम 4:00 बजे तक लू चलती है. इस कारण कोशिश करें की लू जब चल रही है तब घर से बाहर नहीं निकले. यदि निकलते हैं तो चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें अथवा तौलिया से ढक लें. हल्के रंग के ढीले फुल स्लीव के कपड़े पहने और खूब पानी पिएं. त्वचा हाइड्रेटेड रहेगी तो इस से संबंधित समस्या भी कम होगी. इसके अलावा यदि चेहरे पर मास्क होगा तो धूलकण सीधे नाक में प्रवेश नहीं करेगा.