हैदराबाद: गर्भावस्था के दौरान थायराइड की समस्या माता व गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है, यहां तक कि इस समस्या के चलते गर्भपात का जोखिम भी हो सकता है. हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि थायराइड का सामना कर रही गर्भवती नियमित जांच, डॉक्टर की सलाह, उचित प्रबंधन तथा स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इसके प्रभावों को नियंत्रित रख सकती हैं तथा अपनी और अपने शिशु की सेहत का ख्याल रख सकती हैं.
बेंगलुरु की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ जयंती के वाडेकर बताती हैं कि थायराइड की समस्या गर्भवती के लिए विशेष रूप से चिंता का विषय हो सकती है. दरअसल थायराइड ग्रंथि द्वारा स्रावित हार्मोन पूरे शरीर की कार्यप्रणाली को नियंत्रित करते हैं, और गर्भावस्था के दौरान इनका संतुलन बहुत महत्वपूर्ण होता है. ऐसा ना होने पर ना सिर्फ माता के स्वास्थ्य बल्कि गर्भ में भ्रूण के सम्पूर्ण विकास पर भी प्रभाव पड़ सकता है , साथ ही प्रसव के दौरान जटिलताओं के बढ़ने का जोखिम भी बढ़ जाता है.
थायराइड की समस्या और गर्भावस्था
वह बताती हैं कि गर्भावस्था के दौरान, महिलाओं में हाइपरथायरॉयडिज्म (थायराइड हार्मोन का अधिक उत्पादन) और हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड हार्मोन का कम उत्पादन), दोनों के होने का जोखिम हो सकता है. इन दोनों ही स्थितियों का सही समय पर निदान और उपचार आवश्यक है क्योंकि ये दोनों ही अवस्थाएं गंभीर प्रभावों का कारण बन सकती हैं. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
हाइपरथायरॉयडिज्म के संभावित खतरे
- गर्भपात का जोखिम: गर्भावस्था के पहले तिमाही में हाइपरथायरॉयडिज्म का पता नहीं चलने पर गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है.
- प्री-एक्लेमप्सिया: यह मुख्यतः उच्च रक्तचाप और मूत्र में प्रोटीन के मात्रा बढ़ने तथा कुछ अन्य कारणो के चलते हो सकती है. जो मां और शिशु दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है.
- अविकसित भ्रूण: हाइपरथायरॉयडिज्म से भ्रूण के विकास में रुकावट आ सकती है, जिससे बच्चे का वजन कम हो सकता है.
हाइपोथायरायडिज्म के संभावित खतरे
- गर्भधारण में कठिनाई: थायराइड हार्मोन का स्तर कम होने से गर्भधारण में समस्याएं आ सकती हैं.
- अविकसित शिशु: हाइपोथायरायडिज्म से बच्चे के मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के विकास पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.
- प्रीमेच्योर डिलीवरी: समय से पहले प्रसव का खतरा बढ़ सकता है, जिससे नवजात शिशु के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है.
समस्या का प्रबंधन और बचाव : डॉ जयंती के वाडेकर बताती हैं कि कुछ बातों व सावधानियों का ध्यान रखने से थायराइड के प्रबंधन में मदद तथा उसके गंभीर प्रभावों से राहत मिल सकती हैं. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.