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चिकन के शौकीनों के लिए चौंकाने वाली खबर, कभी न खाएं चिकन के ये 5 हिस्से, वरना... - NEVER EAT THESE 5 PARTS OF CHICKEN

चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि चिकन खाना सेहत के लिए अच्छा होता है, लेकिन इसके कुछ हिस्सों को खाना सेहत के लिए खतरनाक है...

Shocking news for chicken lovers, never eat these 5 parts of chicken
कभी न खाएं चिकन के ये 5 हिस्से (FREEPIK)

By ETV Bharat Health Team

Published : Jan 25, 2025, 1:02 PM IST

चिकन का नाम लेते ही कई लोगों के मुंह में पानी आ जाता है. अधिकांश लोगों को चिकन खाना और चिकन को अलग-अलग तरीकों से बनाना बहुत पसंद होता है. जानकारी के मुताबिक, चिकन उन खाद्य पदार्थों में सबसे पहले स्थान पर आता है जिसे कई लोग हेल्दी भोजन मानते हैं क्योंकि यह काफी स्वादिष्ट होता है. हालांकि, चिकन खाते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए. चिकन के कुछ हिस्से खाने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में इस खबर में जानें कि चिकन के किन चार 4 हिस्सों को बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए...

चिकन स्किन भूलकर भी न खाएं
छोटे बच्चे से लेकर बूढ़ों तक इस बढ़े चाव से खाते हैं. हालांकि चिकन एक हेल्दी फूड है, लेकिन इसका खाल (जिसे चिकन स्किन कहते हैं) वाला हिस्सा शरीर के लिए हानिकारक होता है. इसको खाने से स्वास्थ्य पर साइड इफेक्ट होते हैं. चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि इसे खाना बेहद खतरनाक हो सकता है. दरअसल, चिकन की त्वचा में बहुत सारा हानिकारक फैट होता है. इससे कोई पोषण भी नहीं मिलता है. बता दें, यदि चिकन के शरीर का कोई हिस्सा पूरी तरह से बेकार है, तो वह उसकी त्वचा है.

कभी न खाएं चिकन के ये 5 हिस्से (FREEPIK)

चिकन नेक
कई लोगों को चिकन नेक खाना पसंद होता है. लेकिन इस भाग में मुर्गी का लसीका तंत्र (Lymphatic system) होता है. Lymphatic system मुर्गी के शरीर से अपशिष्ट और बैक्टीरिया को बाहर निकालता है. इसके साथ ही मुर्गी के शरीर में लसीका तंत्र तरल पदार्थ, लिपिड को भी बाहर निकालता है, और संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद करता है. यह द्रव संतुलन बनाए रखने और आंतों से वसा को अवशोषित करने में भी भूमिका निभाता है. ऐसे में चिकन के इस भाग को खाने से शरीर में विषैले पदार्थों के प्रवेश करने का खतरा रहता है. अगर इस हिस्से को खाया जाए तो इनमें मौजूद हानिकारक तत्व हमारे शरीर में प्रवेश कर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं. इसलिए आपको चिकन नेक नहीं खाना चाहिए.

कभी न खाएं चिकन के ये 5 हिस्से (FREEPIK)

चिकन विंग्स
कुछ लोग चिकन विंग्स (जिसे मुर्गी की पूंछ कहते हैं) वाले भाग को खाना बेहद पसंद करते हैं. लेकिन इस हिस्से में कई हानिकारक कीटाणु और बैक्टीरिया होते हैं. हो सकता है कि ये कीटाणु खाने के तुरंत बाद शरीर पर असर न करें, लेकिन बाद में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं. इसलिए बेहतर है कि चिकन के पूंछ वाले हिस्से को फेंक देना चाहिए, इसे खाने से बचना चाहिए.

कभी न खाएं चिकन के ये 5 हिस्से (FREEPIK)

चिकन हेड और गिल्स
चिकन की गर्दन और पूंछ के साथ-साथ चिकन गिल्स या हेड खाना भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है. मुर्गी के गलफड़ों में भोजन को पचाने वाले भाग होते हैं. यह हिस्सा कीटाणुओं और हानिकारक बैक्टीरिया से भरा होता है. ये कीटाणु हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखते हैं. इसलिए चिकन गिल्स या हेड खाने से पूरी तरह बचें.

कभी न खाएं चिकन के ये 5 हिस्से (FREEPIK)

चिकन फेफड़े
चिकन फेफड़े एक और हिस्सा है जिसे नहीं खाना चाहिए. इस भाग में रोगाणु एवं विषाणु प्रचुर मात्रा में होते हैं. इन्हें खाने से शरीर में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए इस हिस्से को नहीं खाना चाहिए. सामान्य तौर पर चिकन एक उत्कृष्ट भोजन है जो शरीर को पोषक तत्व प्रदान कर सकता है. लेकिन सेहत बनाए रखने के लिए कौन से हिस्से खाएं और क्या नहीं खाएं इस पर ध्यान देना जरूरी है.

कभी न खाएं चिकन के ये 5 हिस्से (FREEPIK)

सर्दियों में चिकन खाने के फायदे

पोषण विशेषज्ञ डॉ. सुचरिता सेनगुप्ता के मुताबिक, चिकन में लीन प्रोटीन होता है. यह लो फैट वाला प्रोटीन है. चिकन में विटामिन बी6, सेलेनियम और नियासिन जैसे पोषक तत्वों से भी भरपूर मात्रा में पाए जाते है. ठंड के मौसम मे सीमित मात्रा में चिकन खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. यह हेल्थ के लिए भी बहुत अच्छा होता है. यह सर्दियों के दौरान ठंड को कम करने में विशेष रूप से सहायक होता है. सर्दी के मौसम में चिकन सूप खाने या पीने से खांसी, जुकाम और वायरल बुखार से राहत मिलती है.

डिस्क्लेमर: इस वेबसाइट पर आपको प्रदान की गई सभी स्वास्थ्य जानकारी, चिकित्सा सुझाव केवल आपकी जानकारी के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं, लेकिन बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.

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