PCO Syndrome : पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम- PCOS महिलाओं में देखी जाने वाली एक आम हार्मोनल समस्या है, जो उनकी प्रजनन प्रणाली को प्रभावित कर सकती है. हालांकि यह महिलाओं में देखी जाने वाली एक आम समस्या है लेकिन फिर भी आम लोगों में इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं देखी है. वहीं इसे लेकर लोगों में काफी भ्रम भी देखने-सुनने में आते हैं.
PCOS के कारण व प्रभाव: उत्तराखंड की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ विजय लक्ष्मी बताती हैं कि किसी भी कारण के चलते यदि शरीर में एंड्रोजन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है, तब अंडाशय में अंडाणु ठीक से विकसित नहीं हो पाते हैं और उसमें छोटे-छोटे सिस्ट बनने लगते हैं. इसके परिणामस्वरूप पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं और प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ता है. PCOS के कारण महिलाओं को अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ना, बालों का झड़ना, त्वचा पर मुंहासे आना और चेहरे पर बाल बढ़ने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यह समस्या अक्सर युवा महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है. PCOS के लिए जिम्मेदार कारणों की बात करें तो उनमें हार्मोनल असंतुलन, अनुवांशिकता और अनियमित जीवनशैली शामिल हैं.
Gynecologist Dr Vijay Laxmi बताती हैं कि हालांकि PCOS के ज्यादातर मामले पूरी तरह ठीक नहीं होते हैं लेकिन सही तरीके से इलाज करवाने और जरूरी सावधानी बरतने से इसके प्रभावों को नियंत्रित रखा जा सकता है. ज्यादातर मामलों में इस समस्या के निदान के लिए दवाइयों और कुछ मामलों में या जरूरत पड़ने पर हार्मोनल थेरेपी से इलाज किया किया जाता है. वहीं इस समस्या से पीड़ित जिन महिलाओं को गर्भधारण में समस्या हो रही हो, उनके लिए फर्टिलिटी ट्रीटमेंट भी उपलब्ध हैं.
PCOS से जुड़ी सावधानियां :Dr Vijay Laxmi Gynecologist बताती हैं कि PCOS से पीड़ित महिलाओं के लिए कुछ बातों व सावधानियों का ध्यान रखना बेहद जरूरी हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- संतुलित आहार: चीनी और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन से बचें और फाइबर और प्रोटीन युक्त आहार लें.
- व्यायाम: नियमित रूप से योग, वॉकिंग या अन्य शारीरिक गतिविधियां करने से वजन नियंत्रित रहता है.
- तनाव प्रबंधन: तनाव हार्मोनल असंतुलन को बढ़ा सकता है, इसलिए ध्यान, मेडिटेशन या अन्य तनाव कम करने वाली गतिविधियां करें.